इंटरनेट डेस्क। ‘पेड़’ कुदरत की ऐसी देन जो हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीज़न, मीठे-मीठे फल, विश्राम करने के लिए छायादार आसरा देते हैं। पेड़ों की जड़ों, छाल और पत्तियों से कई दवाईयां बनाई जाती हैं। पेड़ों के बिना मानव जाति का कोई अस्तित्व नहीं हैं। अगर प्रकृति में पेड़ ना हो तो सब खत्म हो जाएगा।
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पेड़ हम सब लोगों ने देखे हैं, अपने देश में पेड़ों की कमी नहीं है और यही वजह है कि हम लोग अलग-अलग प्रजातियों के सैकड़ो पेड़ों से परिचित हैं और हमें मालूम होता है कि कौनसा पेड़ हमें क्या दे सकता हैं। पर क्या आपने कभी ऐसे पेड़ के बारे सुना हैं, जिसको छूते ही व्यक्ति की थकान उतर जाती है। जी हां, हम आपको एक ऐसे ही पेड़ के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं। आइए जानते हैं इस पेड़ के बारे में...
यह एक परिजात का वृक्ष है और यह उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में स्थित है तथा वर्तमान में यह काफी प्रसिद्ध हो रहा है, देश-विदेश से लोग इस वृक्ष को देखने के लिए यहां आते हैं। इस वृक्ष को लेकर लोगों की कई मान्यताएं भी हैं। यहां के पुजारी रामचन्द्र का कहना है की यह वृक्ष समुद्र मंथन से निकलता था और बाद में इसको प्रकृति का रूप मान यहां पर स्थापित कर दिया गया था।
कुछ लोगों का मनना है कि इस वृक्ष के पास ही पांडवो ने अपनी माता कुंती के साथ अज्ञातवास का काफी समय बिताया था। परिजात के पेड़ के धार्मिक महत्त्व की बात यदि हम करें तो इसका वर्णन हरिवंश पुराण में मिलता है, जिसमें देवता लोग इस वृक्ष को कल्प वृक्ष कहते हैं। लोगों का इस वृक्ष के संबंध में मनना है कि इस वृक्ष के छूने मात्र से ही लोगों की थकान मिट जाती है।
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परिजात का वृक्ष औषधीय गुणों से भरपूर होता है, इसके पत्ते, छाल व अन्य चीजों का कई प्रकार के रोगों में उपयोग किया जाता है। जैसे की परिजात के फूल हृदय रोग के लिए बहुत उत्तम माने जाते हैं। इसके पत्ते, छाल एवं फूल का उपयोग कई प्रकार की औषधि बनाने में किया जाता है।