सेहत। पुराने समय में लोग सुबह और शाम भगवान की आरती करते थे। आरती के समय सब लोग ताली बजाते थे। तो उसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी जुड़ा हुआ था। वक्त के साथ लोगों ने पूजा पाठ को दकियानुसी बताकर दूर होते गये। लेकिन अब वक्त की मांग ताली बजाना फिर से हमारी संस्कृति में लौट कर आ रहा है।
भले ही उसका नाम बदल कर क्लैपिंग थेरेपी कर दिया गया है। हम लेकिन रोजाना एक छोटी सी थैरेपी करके आप खुद को कई बीमारियों से दूर रख सकते है। वैसे तो हम किसी को खुश करने या फिर प्रोत्साहित करने के लिए ताली बजाते हैं लेकिन यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। ताली बजाते समय हाथों के कई बिंदु दब जाते हैं, जिससे कई बीमारियों में फायदा होता है।
ताली बजाने से शरीर को आराम मिलता है। इससे सफेद रक्त कोशिकाएं मजबूत होती है, जो शरीर को किसी भी तरह की बीमारी से बचाने में मदद करती है। इस थैरेपी के दौरान शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो सही रहता है जिससे फेफड़ों तक ऑक्सीजन सही तरीके से पहुंचती है जिससे शरीर स्वस्थ रहता है।
रोजाना ताली बजाने से सर्दी जुकाम, बालों का झडऩा और शारीरिक दर्द जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा शरीर के सभी अंग स्वस्थ रहते है। ताली बजाने से रक्त संचरण बढ़ता है जिससे कोलेस्ट्रॉल कम होता है। इससे बच्चों की हैंडराइटिंग में भी सुधार आता है। इससे हृदय रोग, डायबिटीज, अस्थमा और गठिया से राहत मिलती है। ताली बजाने से नसें सही तरह से काम करती है।