क्याआपने कभी किसी से ऐसा कहते सुना है कि गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन के बाद से उसे बहुत ज्यादा टेंशन होने लगी है या उसे हमेशा डिप्रेस्ड फील होता है।
क्या आपने कभी किसी से ऐसा कहते सुना है कि गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन के बाद से उसे बहुत ज्यादा टेंशन होने लगी है या उसे हमेशा डिप्रेस्ड फील होता है। वैसे अगर किसी को ऐसी समस्या महसूस होती है तो ये सच भी हो सकता है।
इन गोलियों के सेवन से शरीर में हारमोन्स में परिवर्तन होते हैं और इस वजह से मूड स्विंग हो जाता है।
कई बार स्थिति बहुत ही खराब होने लगती है। इसके अलावा, कई महिलाओं को सिर दर्द, थकान और बहुत ज्यादा भचता में रहने, रोने आदि समस्याएं भी होने लगती हैं।
इन गोलियों के दो प्रकार के प्रतिकूल प्रभाव होते हैं जो कि महिला को परेशान कर देते हैं। कई बार कुछ महिलाओं को इन गोलियों के सेवन से एलर्जी की शिकायत भी होने लगती है।
कई महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान खून के थक्के और लिवर में समस्या भी हो जाती है। अगर किसी महिला को इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होते हैं तो उसे तुंरत ही दवाईयों का सेवन रोक देना चाहिए और अपने डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए कि उसे किस प्रकार के गर्भ निरोध का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि उसे किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो।
इसके अलावा, कुछ महिलाओं को इन दवाईयों का सेवन करने से इमोशनली लो फील होता है और उन्हें कुछ भी काम करने का मन नहीं होता है। वैसे इन इवाओं का सेवन भी डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
रिसर्च से यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि महिलाओं में इन दवाओं के सेवन से अवसाद हो सकता है। इसे लिए उन्हें डॉक्टर की सलाह पर टेस्ट के रूप में कुछ दिनों तक इनका सेवन करके देख लेना चाहिए। डॉक्टर ऐसी दिक्कतों को पहचान लेते हैं और उसी के हिसाब से इन गोलियों को सजेस्ट करते हैं।