मेलबर्न। एचआईवी का टीका तैयार करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति करते हुए वैज्ञानिकों ने शरीर के वायरस से सक्रियता से लडऩे वाली प्रतिरक्षा प्रणाली की मदद के लिए नई तकनीक का विकास किया है।
पहली बार अनुसंधानकर्ताओं ने दिखाया है कि सामान्य खांसी जुकाम के वायरस के जरिए डीएनए आधारित टीके को शरीर में प्रवेश कराने से एचआईवी से बचाव में मदद मिल सकती है।
ऑस्ट्रेलिया के एडीलेड विश्वविद्यालय की ब्रांका गु्रबर बौक ने कहा कि यौन गतिविधियां एचआईवी संक्रमण के सबसे प्राथमिक तरीकों में से एक है। ऐसे में शरीर के वैसे अंगों को बचाना जरूरी है, जिनके सबसे पहले वायरस से लडऩे की जरूरत पड़ सकती है।
बौक ने कहा कि संभव है कि इस तरह के अंगों के लिए बचाव तंत्र की कमी के कारण ही एचआईवी के पुराने टीकों का परीक्षण विफल रहा हो। इस अध्ययन का प्रकाशन साइंटिफिक रिपोट्र्स जर्नल में हुआ है। भाषा