गालस्टोन यानि पित्त पथरी, पित्ताशय की थैली या पित्त नली में बनती है जब कुछ कठोर पदार्थ इन जगहों पर एकत्रित हो जाते हैं। गालस्टोन दो प्रकार के होते हैं: कोलेस्ट्रॉल गालस्टोन और पिग्मेंट गालस्टोन।
कोलेस्ट्रॉल गालस्टोन में 80 प्रतिशत स्टोन होता है और यह रंग में पीलापन लिए हुए होता है। पिग्मेंट गालस्टोन का रंग गहरा होता है और यह बिलीरूबिन से मिलकर बना होता है।
महिलाओं में गालस्टोन की समस्या पुरूषों की अपेक्षा ज्यादा होती है। इससे संक्रमण हो सकता है जिसे एंटीबायोटिक की मदद से दूर किया जा सकता है लेकिन प्राकृतिक उपचार, गालस्टोन को हटाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
गालस्टोन से छुटकारा पाने के लिए प्राकृतिक उपचारों का वर्णन करने से पहले, पित्त की पथरी के निर्माण में जोखिम कारकों को समझना जरूरी होता है।
भोजन में संतृप्त कैलोरी और रिफाइंड सुगर और कम फाइबर की वजह से गालस्टोन बन जाता है। कई बार वजन की अधिकता या तेजी से वजन में कमी भी इसके बनने का कारण हो सकता है।
यहां तककि उच्च बीएमआई भी गालस्टोन के निर्माण का कारण हो सकता है। वजन का तेजी से कम होना, कैलोस्ट्रॉल को बाइल यानि पित्त में बदल देता है और इससे स्टोन बनने लगता है।
कुछ विधियां ऐसी होती हैं जिनसे वजन को एकदम से कम कर दिया जाता है जैसे - वजन घटाने की सर्जरी या कम कैलोरी वाली खुराक आदि। ऐसे में भी ये दिक्कत आ जाती है। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि अपनी खुराक के साथ एकदम से छेड़छाड़ न करें। थोड़ा सा धीरे-धीरे बदलाव लाएं।
अगर आप एप्पल सिडर यानि सेब का सिरका पी सकते हैं तो बेहतर होगा। वैसे सेब का जूस भी फायदा करता है साथ ही इससे होने वाला दर्द भी कम हो जाता है। सेब का सिरका, शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम कर देता है जो कि लिवर से बनता है।
इसके अलावा, आप सब्जियों का जूस भी पी सकते हैं जिसमें कई सब्जियों को एक साथ काटकर पीस लें और उनका जूस नींबू का रस डालकर पी लें।
अरंडी के तेल को अपने पेट पर मल लें, इससे काफी आराम मिलता है, खासकर उस स्थान पर जहां पथरी हो। सबसे जरूरी यह होता है कि अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाएं। प्राकृतिक पदार्थों का सेवन करें, जंक और फास्ट फूड से दूरी बनाएं। इससे आपको पित्त पथरी में काफी राहत मिलेगी।