नस में दर्द या नस का क्षतिग्रस्त हो जाना क्रोनिक या लंबे समय तक होने वाले दर्द का एक सामान्य कारण है। हमारी नसें या धमनियाँ दर्द के संकेत को दिमाग तक पहुंचाती हैं, लेकिन कई बार ये नसें ही दर्द का कारण बनती हैं। इसके मेडिकल कारण हो सकते हैं जैसे कि चोट, दबाव या नसों में जकडऩ।
ये नसें पूरी तरह या आंशिक रूप से शरीर की कई क्रियाओं को नियंत्रित करती हैं, जैसे कि हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर लेवल, पाचन और तापमान नियंत्रण आदि। ये नसें मांसपेशियों के माध्यम से आपके दिमाग और रीड की हड्डी तक सूचना भेजते हुये आपके मूवमेंट और गतिविधियों पर नियंत्रण रखती हैं।
ये नसें त्वचा व मांसपेशियों के माध्यम से दिमाग और रीड की हड्डी से वापस सूचना प्राप्त भी करती हैं। चूंकि नसें आपके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं इसलिए नसों में चोट या दर्द आपकी को पूरी तरह प्रभावित करता है। इससे आपके दिमाग और रीड की हड्डी को भी नुकसान हो सकता है। कुछ मामलों में, जिन लोगों में की एक नस में क्षति होती है तो उनमें दो, तीन नसों में नुकसान होने के लक्षण भी दिखाई देते हैं।
नसें कई तरह से क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। पेरिफेरल नर्व उम्र के साथ क्षतिग्रस्त होती है। पेरिफेरल नर्व जिनकी क्षतिग्रस्त होती है उनमें से हर तीसरे व्यक्ति में इसका कारण डायबिटीज होता है। अन्य में इसके कारण का पता नहीं चल पाता है। बहुत सी ऑटो-इम्यून डीजीज की कारण नसों में दर्द या नुकसान हो सकता है।
कैंसर कई तरह से नसों में दर्द या नुकसान पहुंचा सकता है। कई मामलों में, विशेष प्रकार के कैंसर में पोषण की कमी से नसों को नुकसान पहुंचता है। कई लोगों में कीमोथैरेपी और रेडियोथैरेपी भी नसों में दर्द पैदा करती है। चोट के कारण भी नसों में दर्द, क्षति और गर्दन में सूई जैसी चुभन होती है। कई पदार्थ शरीर अपने आप एडजस्ट करता है और इनसे नसों में दर्द या क्षति नहीं हो सकती है।
डायबिटीज वाले लोगों में यदि नसों में दर्द होता है, तो यह एक बीमारी के रूप में विकसित होता चला जाता है। इसलिए यदि आपके डायबिटीज है और नसों में दर्द भी रहता है तो आपको जितना जल्दी हो सके अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।