किडनी फेल की होने की अंतिम स्थिति से तात्पर्य किडनी के पूरी तरह काम न कर पाने से है। यदि कोई व्यक्ति किडनी फेल होने की अंतिम स्थिति में होता है तो उसके लिए कुछ नहीं किया जा सकता।
अत: यह महत्वपूर्ण है कि जब भी आपको किडनी से संबंधित कोई समस्या आए तो आप तुरंत किसी योग्य व पेशेवर चिकित्सक की सलाह लें। यहाँ किडनी फेल होने की चेतावनी से संबंधित लक्षणों के बारे में बताया गया है। अपने तथा अपने प्रिय लोगों के स्वाथ्य का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है अत: इन लक्षणों के बारे में जानें।
एडेमा : एडेमा के पहले चरण में केवल पैरों में सूजन आती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किडनी शरीर से पानी बाहर नहीं निकाल पाती। इससे शरीर में पानी भर जाने की समस्या हो जाती है।
एनीमिया : किडनी का एक मुख्य काम शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण को व्यवस्थित बनाये रखना है। दुर्भाग्य से जब किडनी $फेल होना शुरू होती है तो लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में कमी आ जाती है जिसके कारण एनीमिया होता है।
हेमेट्युरिया : जब किडनी फेल होना प्रारंभ होती है तो आपके मूत्र में रक्त के लाल थक्के दिखाई देते हैं। किडनी की समस्या होने पर विभिन्न लोगों को विभिन्न तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे मूड स्विंग्स (मूड में बदलाव), भ्रम और मतिभ्रम।
पीठ में तेज दर्द : यह दर्द बहुत अधिक तीव्र होता है तथा शरीर के एक ओर के पिछले हिस्से में होता है। यह दर्द पेट में नीचे की ओर होता हुआ कमर और अंडकोष तक भी पहुँच सकता है।
मूत्र त्याग में कमी : मूत्रत्याग के समय मूत्र की कम मात्रा का आना हर बार किडनी की समस्या की ओर संकेत नहीं करता परन्तु यदि आपको ऐसा लगता है कि शरीर से निकलने वाले इस तरल पदार्थ की मात्रा में कमी आई है तो आपको चिकित्सीय परामर्श अवश्य लेना चाहिए।
साँस लेने में तकलीफ होना : हाई ब्लडप्रेशर के कारण सांस लेने में समस्या आ सकती है जो संभवत: किडनी की समस्या के कारण हो सकता है।
उद्वेग : जब किडनी फेल होना प्रारंभ होती है तो शरीर के कुछ हिस्सों में उद्वेग, कंपन या अनैच्छिक हलचल होने लगती है।
मूत्र में असामान्य और गंदी बदबू आना : ऐसे व्यक्ति जिनकी किडनी फेल हो रही हो उनके मूत्र से मीठी और तीखी गंध आती है।
मल में रक्त आना : मल में रक्त आना भी कभी कभी किडनी फेल होने की ओर संकेत करता है।