मराकेश। भारत ने यहां चल रहे जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के संभावित प्रमुख नतीजों में शामिल राजनीतिक घोषणापत्र के मसौदे में न्यूनतम कार्बन फुटप्रिंट किसी व्यक्ति, संगठन आदि द्वारा ग्रानहाउस गैस का कुल उत्र्सजन के साथ सतत जीवनशैली को शामिल करने पर जोर दिया है।
बहुत सारे देशों के मंत्री और राष्ट्र प्रमुख सम्मेलन के उच्च स्तरीय खंड में चर्चा कर रहे हैं जिसके बाद मराकेश जलवायु एवं सतत् विकास कार्रवाई घोषणापत्र जारी किए जाने की योजना है।
पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने कहा, ‘‘हमने मसौदे में सतत जीवनशैली शामिल करने के लिए कहा है। हमने कहा है कि सतत जीवनशैली के खंड में न्यूनतम कार्बन फुटप्रिंट शामिल की जानी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि भारत ने जोर दिया है कि यह जटिल बना ना रहे और एक साफ तरीके से परिभाषित हो।
मसौदा पहले मंगलवार को जारी किया जाना था लेकिन अब इसके सम्मेलन के बचे दिनों में जारी किए जाने की संभावना है क्योंकि इसे लेकर कुछ देशों ने अपने कुछ सुझाव दिए थे।
दवे ने कहा कि भारत दुनिया के अलग अलग क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए सतत जीवनशैली की खातिर न्यूनतम कार्बन फुटप्रिंट की गणना पर पहले से ही काम कर रहा है।
दवे ने साथ ही 20 से अधिक देशों द्वारा अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन आईएसए के संरचना समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा कि गठबंधन से सौर उर्जा के वैश्विक परिदृश्य को बदलने में काफी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि आईएसए का विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबको स्वच्छ एवं सस्ती उर्जा मुहैया कराने की दृष्टि का हिस्सा है।