भारत के संविधान निर्माण की चर्चा की प्रतिध्वनि श्रीलंका में सुनाई दे रही है : दूत

Samachar Jagat | Tuesday, 29 Nov 2016 11:28:35 PM
India's Constitutional deliberations resonate with Lanka says envoy

कोलंबो। श्रीलंका में नए संविधान का मसौदा तैयार करने की चल रही प्रक्रिया के बीच यहां भारत के राजदूत ने कहा है कि केंद्र और राज्यों के बीच संबंध, शक्तियों के विभाजन जैसे जिन मुद्दों पर भारतीय संविधान निर्माताओं ने बहस की थी, उनकी वर्तमान श्रीलंका संदर्भ में प्रतिध्वनि सुनवाई दे रही है।

भारतीय उच्चायुक्त वाई के सिन्हा ने भारतीय संविधान मसविदा निर्माण प्रक्रिया और वर्तमान में श्रीलंका में चल रही संविधान मसविदा प्रक्रिया के बीच समानांतर खींचते हुए भारत के संविधान दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला।

भारत का संविधान अंगीकार किए जाने की याद में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1949 में इसी दिन संविधानसभा ने भारत का संविधान अंगीकार किया था और यह 26 जनवरी, 1950 को वह प्रभाव में आया था।

भारतीय उच्चायोग की ओर से जारी बयान के अनुसार दूत ने संविधान सभा को भारत के भविष्य को आकार प्रदान करने के सिलसिले में चर्चा कर दस्तावेज तैयार करने को लेकर सौंपी गई जिम्मेदारी का विस्तार से जिक्र किया।

सिन्हा ने कहा कि उसमें केंद्र और राज्यों के बीच संबंध, संसाधानों के विभाजन, विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच शक्तियों का पृथक्करण जैसे मुद्दे शामिल थे ।

उन्होंने कहा कि इन मुद्दों का संविधान निर्माण के वर्तमान श्रीलंका संदर्भ में प्रतिध्वनि सुनवाई दे रही है।

श्रीलंका में वर्तमान 1978 के संविधान के स्थान पर नए संविधान को बनाने का काम इस साल जनवरी में शुरू हुई था जब संसद को संविधान सभा में तब्दील कर दिया गया।



 

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