लाहौर। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को करार झटका देते हुए पाकिस्तान की एक अदालत ने 400 तुर्की नागरिकों को उनके वतन वापस भेजने से सरकार को रोक दिया है। सरकार तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तायप आर्दोगन को खुश करने के लक्ष्य से उन्हें वापस भेजने की कवायद कर रही है।
वापस भेजे वाले इन 400 तुर्की नागरिकों में ज्यादातर स्कूली शिक्षक और उनके परिवार के सदस्य हैं।
लाहौर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शम्स महमूद मिर्जा ने पाक-तुर्क एजुकेशनल फाउंडेशन के तुर्की प्रधानाध्यापक मेहमेत अली सेकेर और अन्य शिक्षकों की ओर से दायर रिट याचिका पर अंतरित आदेश पारित किया।
चूंकि पाक-तुर्क स्कूलों और कॉलेजों का अमेरिका में रहने वाले धर्मगुरू फतेउल्ला गुलेन के साथ कथित संपर्क है, इसलिए पाकिस्तान सरकार ने 450 तुर्की शिक्षकों और उनके परिवारों को 20 नवंबर तक देश छोडऩे का आदेश दिया था। तुर्की के राष्ट्रपति आर्दोगन जुलाई में हुए तख्ता पलट के प्रयास के लिए गुलेन को जिम्मेदार मानते हैं।
कुछ तुर्क परिवार ने अन्य देशों तुर्की के अलावा का रूख किया जबकि अन्य देश के विभिन्न उच्च न्यालयो तक पहुंचे।
मिर्जा ने संघ सरकार को तुर्की नागरिकों को उनके वतन वापस भेजने या उनके खिलाफ कोई भी कदम उठाने से रोक दिया है।
अदालत ने इसपर गृहमंत्रालय से जवाब भी मांगा है।