इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपनी सम्पत्ति की जानकारी आज सुप्रीम कोर्ट में जमा कराई जिसमें कतर के राजकुमार का एक पत्र भी शामिल था जिन्होंने लंदन में विवादास्पद सम्पत्तियां खरीदने के लिए धनराशि मुहैया कराई थी। इन सम्पत्तियों का स्वामित्व अब शरीफ के बच्चों के पास है।
शरीफ और उनकी पुत्री मरियम ने अपनी सम्पत्ति की जानकारी देते हुए 397 पृष्ठों का दस्तावेज अदालत में जमा कराया। अदालत को दिया गया सबसे रोचक दस्तावेज कतर के राजकुमार शेख हमद बिन जसिम बिन हमद बिन अब्दुल्ला बिन जसिम बिन मोहम्मद अल थानी का पत्र है। इस पत्र में कतर के राजकुमार ने अदालत को बताया है कि उन्होंने शरीफ के परिवार को लंदन में फ्लैट खरीदने के लिए धनराशि दी थी।
शरीफ के बच्चों के वकील अकरम शेख ने पत्र शीर्ष अदालत को सौंपा। इसमें कहा गया है कि शरीफ ने 1980 में कतर के राजकुमार के पिता की अल थानी कंपनी में 1.2 करोड़ दिरहम का निवेश किया था।
पत्र पर पांच न्यायाधीशों में से एक ने तत्काल प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि यह पत्र इस वर्ष संसद में शरीफ द्वारा दिए गए बयान के प्रतिकूल है जब उन्होंने धनराशि के स्रोत और यह खुलासा नहीं किया था कि उन्हें वह एक कतर की कंपनी से मिली थी।
अदालत इमरान खान एवं अन्य की ओर से दायर पांच एक जैसी याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है जिनमें कहा गया है कि शरीफ के बच्चों का नाम पनामा पेपर्स में है जिनकी विदेशों में कंपनियां है जिसकी लंदन में सम्पत्तियां हैं।
याचिकाकर्ताओं ने अदालत से यह जांच करने का अनुरोध किया कि क्या इन सम्पत्तियों को वैध धनराशि से खरीदा गया था। अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तिथि 17 नवम्बर तय की और कहा कि शरीफ के दो पुत्रों हसन और हुसैन को भी अपनी सम्पत्तियों की जानकारी जमा करनी चाहिए।