इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज देश के प्रधान न्यायाधीश मियां साकिब निसार पर उनके खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के तीन मामलों में सुनवाई में जल्दबाजी करने का आरोप लगाया और इसे '' दमन और अन्याय ’’ का '' अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण ’’ उदाहरण करार दिया।
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उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 68 साल के शरीफ को अयोग्य ठहराते हुए प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने को मजबूर किया था। शरीफ ने पनामा पेपर्स मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताकर खारिज किया।
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शरीफ ने दावा किया कि उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है क्योंकि कोई वकील ऐसे मामले में पैरवी नहीं करेगा जहां उसे मामला तैयार करने के लिए समय नहीं मिले और उससे सप्ताहांत पर पेश होने के लिए कहा जाए।
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शरीफ उनके वकील ख्वाजा हैरिस का जिक्र कर रहे थे जो आज उनका प्रतिनिधित्व करने में नाकाम रहे क्योंकि हैरिस ने कहा कि वह न तो दबाव में काम कर सकते और ना ही जवाबदेही अदालत की मांग के अनुसार सप्ताहांत पर पेश हो सकते।
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'डान’ अखबार ने शरीफ के हवाले से कहा, '' क्या प्रधान न्यायाधीश (मियां साकिब निसार) नहीं जानते कि न्याय में जल्दबाजी न्याय को कुचलने के समान है। ऐजेंसी
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