बंैकाक। राजकुमार महा वाजीरलोंकोर्ण आज थाइलैंड के नये नरेश उद्घोषित किये गये और इसके साथ ही उनके सम्मानित पिता के निधन के बाद देश की राजशाही में नये अध्याय का सूत्रपात हुआ। उनके पिता दुनिया में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले नरेश थे।
वाजीरलोंकोर्ण 64 ने नेशनल लेजिस्लेटिव एसेम्बली एनएलए के न्यौते पर राजनीतिक रूप से समस्यागग्रस्त राष्ट्र का सिंहासन स्वीकार किया। वह चक्री वंश के दसवें राजा बने हैं। चक्री वंश सन् 1782 से है।
नरेश राम दशम घोषित किये जाने के दो दिन बाद उन्होंने आज रात कहा, ‘‘मैं पूरे थाई जनता के हित के लिए...... दिवंगत नरेश की इच्छाओं को स्वीकार करने पर सहमत हूं। ’’
इस कार्यक्रम को सभी थाई टेलीविजनों पर प्रसारित किया गया।
यहां उनके महल में हुए इस समारोह में प्रभावशाली जुंटा नेता और एनएलए प्रमुख प्रयुत चान-ओ-चार शामिल हुए।
देशभर में बौद्ध मंदिरों को इस उद्घोषणा के बाद ड्रम और घंटा बजाने का निर्देश दिया गया था।
उन्होंने अपने पिता नरेश भूमिबोल अदुलयादेज का स्थान लिया है जिन्हें राम नवम के नाम से भी जाना जाता है। उनकी 88 साल की उम्र में अक्तूबर में मृत्यु हुई थी । वह दुनिया में सबसे अधिक समय तक नरेश रहे।
वाजीरलोंकोर्ण के सिंहासन पर आरूढ़ होने के साथ ही अनिश्चितता का काल खत्म हो गया है जिस दौरान प्रिव्ही काउंसिल अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री जनरल प्रेम टिंसूलाानोंडा 96 संरक्षक के रूप में काम कर रहे थे।