सरकार ने स्विस बैंकों में भारतीयों के खाते खंगालने की कोशिशें तेज की

Samachar Jagat | Monday, 28 Nov 2016 01:53:24 PM
 The government intensified its efforts to scan accounts in Swiss banks by Indians

नई दिल्ली। विदेशों में जमा कालेधन को पकडऩे के अपने प्रयासों को तेज करते हुए भारत ने हाल के महीनों में स्विट्जरलैंड सरकार को ‘प्रशासनिक सहयोग’ के लिए 20 अनुरोध भेजे हैं। इनमें कर चोरी करने के लिए स्विस बैंकों का इस्तेमाल करने वाले संदिग्ध भारतीयों की जानकारी मांगी गई है।

 भारत ने जिन व्यक्यिों और कंपनियों की जानकारी मांगी है उनमें कम से कम तीन सूचीबद्ध कंपनियों, एक रीयल एस्टेट कंपनी के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी, दिल्ली के एक पूर्व नौकरशाह की पत्नी, दुबई में रहने वाले भारतीय मूल के एक निवेश बैंकर, कानून से बच कर भागा एक चर्चित व्यक्ति और उसकी पत्नी, संयुक्त अरब अमीरात स्थित एक होल्डिंग कंपनी और विदेशों में बस चुका और संभवत ट्रेडिंग करने वाले कुछ गुजराती व्यापारी भी शामिल हैं।

 संदेह है कि इनमें से कई लोगों के विदेशी बैंकों में स्विस बैंकों में खाते हैं जो पनाम और ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड जैसे कर चोरों की पनाहगाह माने जाने वाले क्षेत्रों में पंजीकृत कंपनियों के जारिए परिचालित किए जा रहे हैं। प्रशासनिक सहायता अनुरोध के तहत जामनकारी मांगने वाला देश कुछ तथ्यों और बसूतों के आधार पर सूचनाओं के लिए अनुरोध करता है।

 इस अनुरोध को स्विट्जन लैंड के कानूनों के अनुसार संघीय गजट में प्रकाशित कराया जाता है ताकि संबंधित व्यक्ति चाहे तो उस पर कोई आपत्ति उठा सके। गौर तलब है कि भातर ने हाल में स्विट्जरलैंड की सरकार के साथ स्विस खातों के बारे में सूचनाओं के स्वत आदान प्रदान की व्यवस्था का समझौता किया है।
 



 
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