आगरा। आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज ने कहा कि राजनीति में रहकर भी धर्म की डोर से जुड़े रह सकते हैं। साथ ही आज के दौर मेें मजबूत लोकतंत्र में परिवार, व्यापार व समाज के सर्वांगीण विकास व संरक्षण के लिए राजनीति में दखल आवश्यक हो गया है। आचार्य श्री ने यह उद्गार ताज नगरी आगरा में स्थित एमडी जैन इंटर कॉलेज परिसर के श्री शांति सागर सभागार में जैन राजनैतिक चेतना मंच के राष्ट्रीय अधिवेशन में देश भर से आए मंच से जुड़े राज्य स्तरीय नेताओं की मौजूदगी में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि राजनीति में रहकर भी ईमानदारी के साथ भगवान महावीर के सिद्धांतों पर चलकर पूर्ण निष्ठा के साथ मानव सेवा की जा सकती है।
हमें है इन पर नाज
आचार्य श्री ने देश के आजादी में जैन समाज के अभूतपूर्व योगदान के बारे में कहा कि स्वतंत्रता की लड़ाई में जैन समाज के लोगों ने बलिदान दिया, साथ ही रानी लक्ष्मीबाई की मदद अमरंचंद भाटिया ने की, जो आज हम सबके लिए गौरव की बात है कि देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में भी जैन समुदाय का सक्रिय योगदान रहा है। हमारे संविधान में भगवान महावीर का चित्र है, जिस संविधान के विधान से दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हमारे राष्ट्र में चल रहा है, उस संविधान के निर्माण में हमारे समाज के चार-पांच लोगों के हस्ताक्षर हैं, यह हम सबको यह प्रेरणा देता है कि राजनैतिक रूप से हम सदैव जागरुक रहे हैं। देश के मान-सम्मान व हर हिन्दुस्तानी के स्वाभिमान से जुड़े राष्ट्रगीत के दूसरे पद में ‘जैन’ शब्द का आना हम सबके लिए विशेष सम्मान का अहसास कराने वाला है।
आशीर्वाद से मिली सफलता
आचार्य श्री ने कहा कि विषम परिस्थिति में काम करने की ऊर्जा व शक्ति आचार्य श्री विमल सागर जी, आचार्यश्री सुमित सागर जी महाराज के आशीर्वाद से मिली, उन्होंने कहा कि घबराना नहीं उनके ही आशीर्वचनों से सराक क्षेत्र के युवाओं का सर्वे कराया व विषम परिस्थिति में काम किया।
जैन समाज किसी से कम नहीं
आचार्य श्री कहा कि हमारा समाज किसी से कम नहीं है, पर आज जरूरत है कि समाज के व्यक्तियों को जिस पद की जिम्मेदारी भी सौंपी जाए उसे पूर्ण ईमानदारी के साथ निर्वहन करने का संकल्प लें। इससे पूर्व रविवार को जैन राजनैतिक चेतना मंच के राष्ट्रीय अधिवेशन की शुरूआत मंगलाचरण से हुई। इसका उद्घाटन आचार्य श्री सुमित सागर जी महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, निर्मल सेठी, राजेन्द्र के. गोधा (संस्थापक संपादक समाचार जगत) पूर्व विधायक बेलगांव संजय पाटिल ने किया। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय अधिवेशन के प्रथम सत्र की अध्यक्षता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्मल कुमार सेठी ने की। द्वितीय सत्र की अध्यक्षता कार्याध्यक्ष राजेन्द्र के. गोधा ने की। इस अवसर पर राजस्थान मण्डल के अध्यक्ष हुकुम जैन ‘काका’ समेत देश भर के पदाधिकारी मौजूद रहे।
इससे पूर्व शास्त्र भेंट राज्यमंत्री सरला जैन, शशि जैन, चेयरमैन अमरोहा, सीमा जैन चेयरमैन सीतापुर, अर्पणा जैन, मंजरी जैन विदिशा आदि ने किया। आयोजन के मुख्य अतिथि पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य व विशिष्ट अतिथि आगरा के मेयर नवीन जैन ने कार्यक्रम में सम्मलित होकर आचार्यश्री का आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर आगरा के मेयर नवीन जैन ने अपने संबोधन में कहा कि राजनीति में सभी वैश्य समुदाय को एकता के साथ आगे आकर अपनी राजनीतिक ताकत देश को दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम सबकों साथ लेकर चले और अपने कामों के दम पर दूसरे समाजों को भी अपने से जोड़े।
उन्होंने कहा कि स्कूल, मंदिर, तीर्थ और संस्कृति की रक्षा के साथ-साथ हमें राजनीति में अपना वर्चस्व बढ़ाना होगा। संख्या बल बढ़ाने की पैरवी करते हुए कहा कि हमें आज यह संकल्प लेना होगा कि जहां भी जैन समाज का प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा उनके विरोध में चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। उन प्रत्याशियों को अपना बेटा व भाई समझेंगे और मदद के लिए तैयार रहेंगे। इस मौके पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि हमें हमारे प्रत्याशियों को जिताने के लिए मन, वचन व कर्म से जिताने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने जैन समुदाय को अल्पसंख्यक घोषित कराने में जो उनकी भूमिका रही, उसकी भी चर्चा की, साथ ही कहा कि राजनीति में आज देश को अच्छे लोगों की जरूरत है।
जैन समाज को भी राजनीति में अपनी मजबूती दर्ज करानी चाहिए। मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्मल सेठी ने कहा कि दुनिया की सबसे प्राचीनतम संस्कृति जैन संस्कृति है। इस संस्कृति की रक्षा करने के लिए जैन राजनीतिक मंच का गठन किया गया है। हमारे समाज को वोट के महत्व को समझना होगा और मंदिर में पूजा की तर्ज पर ही मताधिकार के लिए जाना होगा। उन्होंने जैन समाज को अल्पसंख्यक दर्जा दिलाने के लिए पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन के योगदान की सराहना की। इस अवसर पर एमएलसी पुष्पराज जैन ने समाज को संगठित होने की जरूरत बताते हुए कहा कि जो समाज संगठित होता है, बड़ी पार्टियां उन्हें टिकट देेती है। पूर्व विधायक बैलगांव संजय पाटिल ने कहा कि युवाओं को आगे बढ़ना होगा, आपस में झगड़ना छोड़ना होगा, नाम नहीं काम पर यकीन करना होगा। उत्तर-दक्षिण का भेद भूलकर एक दूसरे की मदद करनी होगी, व्यापार की तरह राजनीति में भी प्रथम पंक्ति में आना होगा।
मंच के महामंत्री ललित जैन ने इस बात पर चिंता जताई कि लोकसभा-विधानसभा में जैन समाज का प्रतिनिधित्व घटता जा रहा है जो चिंताजनक है। कभी लोकसभा में 36 सांसद हुआ करते थे, राजस्थान में 35 विधायक हुआ करते थे, मध्यप्रदेश, गुजरात में भी अच्छी संख्या थी, लेकिन आज हम राजनीति में धीरे-धीरे समाज का प्रभाव कम होते देख रहे हैं। हमें सरपंच से लेकर संसद तक अपनी भागीदारी बढ़ानी होगी। इस अवसर पर मंच की राजस्थान मंडल के प्रभारी हुकम जैन काका व नि:शक्तजन आयोग छत्तीसगढ़ सरला जैन ने राजनीतिक चेतना मंच के उद्देश्य व सार्थकता पर प्रकाश डाला।