पेड़-पौधों को अगर सही दिशा में न लगाया जाए, तो ये अशुभ फल भी दे सकते हैं। ये न सिर्फ घर की शोभा बढ़ाते हैं, बल्कि इन्हें हर घर के लिए शुभ भी माना जाता है। इसलिए जरूरी है कि इन्हें सही दिशा और घर के सही हिस्से में लगाया जाए।
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वास्तुशास्त्र के अनुसार पेड़ों की दिशा :-
कुछ ऐसे पौधे और पेड़ हैं जिन्हें घर के आंगन में लगाना शुभ फल देता है। जैसे अनार, दालचीनी, नारियल, अशोक, गुलाब, बकुल, चमेली, केसर और चंपा के पेड़-पौधे शुभफलदायी होते हैं।
घर के ठीक सामने या बीच में कोई भी पौधा कभी नहीं लगाना चाहिए, ऐसा करने से जीवन में परेशानियां बढ़ती हैं। वहीं, फलों के पेड़ जैसे आम, जामुन, केला, दूधिया पेड़ जैसे महुआ, पीपल और कांटेदार पेड़ जैसे बबूल, बेर आदि को घर के आंगन में नहीं लगाना चाहिए।
लताओं वाले पौधों को मेन गेट या एक्सटीरियर स्पेस जैसे बालकनी में लगा सकते हैं। लेकिन, इस बात का ध्यान रखें कि लताएं कंपाउंड की दीवार से ऊंची न चली जाएं।
तुलसी के पौधे को घर के उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में ही लगाना चाहिए। इन दिशाओं में लगाए जाने से तुलसी का पौधा बरकत लाता है।
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नागफनी जैसे कांटेदार पौधों को घर के भीतर कभी नहीं लगाना चाहिए लेकिन, गुलाब का पौधा इसके अंतर्गत नहीं आता है।
ऊंचे पौधों को घर की दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगाना चाहिए। ऐसी जगह जहां इन्हें सूरज की भरपूर रोशनी मिले और ये पौधे घर में रहने वालों का रास्ता भी न रोकें।
बरगद और पीपल के पेड़ को कभी घर में नहीं लगाना चाहिए। इससे अशुभ फल प्राप्त होता है, इसलिए इसे हमेशा मंदिरों में ही लगाया जाना चाहिए।
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