शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की जाती है। प्रदोष व्रत समस्त इच्छाओं की पूर्ति करने वाला है। इस दिन शिव के किसी भी रूप का दर्शन करने से अज्ञान का नाश होता है और साधक को शिव की कृपा प्राप्त होती है।
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शास्त्रों में शनि प्रदोष व्रत का बहुत महत्व बताया गया है, अगर इस दिन पूरे विधि-विधान से भगवान शिव, माता पार्वती के साथ शनिदेव की पूजा की जाए तो इससे शीघ्र ही संतान की प्राप्ति होती है। संतान प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखें और इस विधि से पूजा करें .....
संतान-प्राप्ति के लिए शनि प्रदोष वाले दिन सुबह उठकर स्नान करें और इसके बाद पति-पत्नी दोनों मिलकर मिलकर शिव-पार्वती की पूजा करें।
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शिवलिंग पर जल और बिल्व की पत्तियों से अभिषेक करने के बाद वहां बैठकर महामृत्युंजय-मंत्र का जाप करें। पूजा के बाद मंदिर से भभूत लेकर अपने मस्तक पर लगाएं।
वहीं शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए किसी पीपल के वृक्ष की जड़ में जल चढ़ाएं। साथ ही पूरे दिन बिना अन्न-जल ग्रहण किए उपवास करें। ऐसा करने से जल्दी ही संतान की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
(ये सभी जानकारियां शास्त्रों और ग्रंथों में वर्णित हैं, लेकिन इन्हें अपनाने से पहले किसी विशेष पंडित या ज्योतिषी की सलाह अवश्य ले लें।)
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