- SHARE
-
Rajasthan Tourism App - Welcomes to the land of Sun, Sand and adventures
धर्म डेस्क। साल 2018 की समाप्ति पर इस बार विवाह के बहुत ही कम मुहूर्त हैं, देव उठनी एकादशी से पहले 4 महीनों तक देव शयन के कारण विवाह और शुभ कार्यों पर रोक रही, वहीं एक दिन देवउठनी एकादशी पर अबूझ सावा होने के कारण विवाह हुए और इसके बाद फिर विवाह संस्कार और शुभ कार्यों पर विराम लग गया। इसका कारण गुरू का अस्त होना है, आपको बता दें कि 13 नवंबर को गुरु अस्त हो चुका है और 7 दिसंबर तक गुरु अस्त रहेगा। शास्त्रों के अनुसार गुरु अस्त होने से 3 दिन पहले गुरुत्व दोष शुरू हो जाता है और ये उदय होने के 3 दिन बाद तक रहता है।
जानिए! क्यों मनी प्लांट को घर में लगाना माना जाता है शुभ
गुरू के अस्त होने पर कोई भी शुभ कार्य वर्जित माना जाता है इसी कारण दस नवंबर से 10 दिसंबर तक मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन संस्कार आदि कोई भी शुभ कार्य नहीं होगा। इसके बाद 16 दिसंबर 2018 मार्गशीर्ष शुक्ल नवमी से सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर रहा है और ये पौष शुक्ल अष्टमी यानि 14 जनवरी 2019 तक इसी राशि में रहेगा। जब सूर्य धनु राशि में रहता है तब मलमास लग जाता है और इस मास में विवाह संस्कार और अन्य शुभ कार्यों को करना वर्जित माना जाता है।
कहीं आपकी तरक्की की राह में भी तो बाधाएं उत्पन्न नहीं कर रहीं राशि अनुसार आपके अंदर की ये कमियां
17 जनवरी को गुरु उदय होने और मलमास समाप्त होने के बाद विवाह का पहला मुहूर्त पौष शुक्ल एकादशी गुरुवार 17 जनवरी 2019 को है। ऐसे में इस साल 12 और 13 दिसंबर दो दिन ही विवाह के मुहूर्त हैं। इसके बाद नए साल में 17 जनवरी 2019 से ही विवाह और शुभ कार्यों की शुरूआत होगी।
( ये सभी जानकारियां शास्त्रों और ग्रंथों में वर्णित हैं, लेकिन इन्हें अपनाने से पहले किसी विशेष पंडित या ज्योतिषी की सलाह अवश्य ले लें। )
कहीं आपकी तरक्की की राह में भी तो बाधाएं उत्पन्न नहीं कर रहीं राशि अनुसार आपके अंदर की ये कमियां
भूत-प्रेत का साया होने पर व्यक्ति को अपने हाथ में रखनी चाहिए ये चीज, आत्माएं नहीं पहुंचा सकती नुकसान
Rajasthan Tourism App - Welcomes to the land of Sun, Sand and adventures