जानिए कैसे रुद्राक्ष को करना चाहिए धारण

Samachar Jagat | Thursday, 24 Nov 2016 11:35:22 AM
Here's how you should hold Rudraksha

रुद्राक्ष को भला कौन नहीं जानता होगा। जी हां हम उसी रुद्राक्ष की बात करे रहे है जिसे आप अक्सर माला में या गले में धारण करते है। इससे जुड़े आस्था और श्रध्दा से तो सभी लोग परिचित है, इसिलिए इसे आस्था में एक विशेष स्थान दिया गया है। हिंदू धर्म में इसकी बड़ी ही विशेषता बताई जाती है। लेकिन अभी भी इसे धारण करनें को लेकर लोगो के मन में असमंजस की स्थिति बनी रहती है।

सर्वेंट क्वार्टर बनवाते समय वास्तु से जुड़ी इन बातों का रखें ध्यान

हिंदू पौराणिक मान्याताओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पति शिव के आंसुओ से मानी जाती है। इस विषय के उल्लेख भारतीय पुराणों में भी किया गया है. कहते है एक बार भगवान शिव नें अपने मन को वश में कर दुनिया के कल्याण के लिए सैंकड़ों सालों तक तप किया। एक दिन अचानक ही उनका मन दुखी हो गया। और जब उन्होंने अपने नेत्र खोले तो उनमें से कुछ आंसू बूंद के रुप में गिरे। कहते है इन्हीं आंसू की बुंदों से रुद्राक्ष नामक वृक्ष उत्पन्न हुआ। शिव भगवान हमेश से ही अपने भक्तों पर कृपा करते है। उन्हीं की लीला से उनके आंसूओं नें ठोस आकार का रुप लिया और जड़ हो गए। 

यही वजह है जिसके कारण लोग कहते है कि यदि भगवान शिव और पार्वती को प्रसन्न करना है तो रुद्राक्ष को धारण करें।

शिव के आंसूओं से बना जड़ जिसमें रुद्राक्ष एक फल की तरह लगता है। इसका आकार बेर के समान है। तथा हिमालय में उत्पन्न होता है। रुद्राक्ष नेपाल में बहुतायत से पाया जाता है। इसका फल जामुन के समान नीला और बेर की तरह स्वादिष्ट होता है। यह अलग-अलग रंगो में पाया जाता है। जब रुद्राक्ष का फल सूख जाता है तो उसके ऊपर का छिलका उतार लिया जाता है। इसके अंदर पाई जाने वाली गुठली ही असली रुद्राक्ष होता है। गुठली के ऊपर 1 से 14 तक धारियां बनी रहती है।जिन्हें मुख कहा जाता है।

किस श्रेणी का रुद्राक्ष रहता है उत्तम-

रुद्राक्ष को तीन प्रमुख श्रेणीयों में विभाजित किया जाता है। उत्तम,मध्यम और निम्म। उत्तम श्रेणी के रुद्राक्ष की पहचान करना सरल होता है, इनका आकार आंवले के फल के बराबर होते है। मध्यम श्रेणी के रुद्राक्ष का आकार बेर के फल के समान होता है। निम्न श्रेणी के रुद्राक्ष का आकार चनें के दाने के समान होता है।

इस छोटी सी चीज को रखें घर में, होगी धन की बरसात

रंगों के आधार पर-

सफेद रंग का रुद्राक्ष ब्राह्मण वर्ग का, लाल रंग का क्षत्रिय, मिश्रित वर्ण का वैश्य तथा श्याम रंग का शूद्र कहलाता है।

परिवार को सेहतमंद रखना है तो इस दिशा मे मुख करके बनाएं भोजन

इन टेक टिप्स को अपनाकर व्हाट्सएप पर करें 10 से ज्यादा फोटों सेंड

20 मेगापिक्सल रियर कैमरे के साथ जल्द पेश हो सकता है एचटीसी डिजायर 10 प्रो स्मार्टफोन



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
रिलेटेड न्यूज़
ताज़ा खबर

Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.