बालकनी वह खुला स्थान होता है जहां सूर्य की किरणें आसानी से आ सकती हों। ऐसे में घर में बालकनी का वास्तु के अनुसार होना आवश्यक होता है। अगर बालकनी वास्तु को ध्यान में रखकर बनवाई जाए तो इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। वहीं गलत दिशा में गैलरी वास्तुदोष का कारण बन जाती है। अतः हम आपको बता रहे हैं कि बालकनी वास्तुशास्त्र के अनुसार किस दिशा में होनी चाहिए.....
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सूर्य का प्रकाश एवं प्राकृतिक हवा का प्रवेश मकान में बेरोक-टोक होता रहे इसलिए आपकी बालकनी उसी के अनुसार होनी चाहिए। यह वायव्य कोण या ईशान एवं पूर्व दिशा में मध्य में रखें, तो ज्यादा उत्तम है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार, यदि भूखण्ड पूर्वोन्मुख है, तो बालकनी उत्तर-पूर्व में या उत्तर की ओर निर्धारित करें।
पश्चिम की ओर उन्मुख होने पर बालकनी उत्तर-पश्चिम में या पश्चिम की ओर रखें।
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उत्तर की ओर भूखण्ड होने पर बालकनी को उत्तर-पूर्व में या उत्तर की ओर बनाना चाहिए।
भूखण्ड के दक्षिण की ओर उन्मुख होने पर बालकनी दक्षिण-पूर्व में या दक्षिण दिशा में बनाई जानी चाहिए।
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