अगर प्रकृति की ऊर्जा का सही तरीके से उपयोग किया जाए तो विभिन्न दुख और बाधाओं का निवारण हो सकता है अथवा उनका प्रभाव बहुत कम किया जा सकता है। घर में रखने योग्य वस्तुओं एवं उनकी दिशाओं का वास्तु शास्त्र पर खास प्रभाव पड़ता है। चलिए आपको बताते हैं वास्तुशास्त्र के अनुसार दिशाओं का क्या प्रभाव पड़ता है....
वास्तु के अनुसार धन रखने वाले स्थान अथवा तिजोरी का मुख उत्तर दिशा में ही खुलना शुभ माना गया है। इससे व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होती है।
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उत्तर-पश्चिम दिशा को वायव्य कोण का नाम दिया गया है। वायु तत्व वाली इस दिशा के स्वामी भी वरुण देवता हैं। इस दिशा के पवित्र रहने से घर में रहने वालों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और उनकी आयु भी लंबी रहती है। ऐसे में इस दिशा में पवित्र चीजों को रखना चाहिए।
पूर्व दिशा को सूर्यदेव अथवा अग्नि की दिशा माना गया है। इस दिशा के स्वामी इंद्र भगवान हैं। पूर्व दिशा में अग्नि तत्व है, जिसे कभी भी बंद नहीं करना चाहिए। इसे बंद करने से वहां रहने वालों को कष्ट, अपमान, ऋण और पितृ दोष का सामना करना पड़ता है।
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सूर्यदेव के अस्त होने की दिशा पश्चिम है। इस दिशा के स्वामी वरुण देवता और तत्व वायु हैं। इस दिशा को बंद करने से जीवन में असफलता, मेहनत के बावजूद लाभ न मिलने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।