हथेलियों के दर्शन के पीछे ये भावना छिपी हुई है कि इंसान अपने कर्म पर विश्वास रखे। इस मंत्र के जरिए भगवान से ये प्रार्थना की जाती है कि हम जो कर्म करें उससे जीवन में धन, सुख और ज्ञान प्राप्त हो। हमारे हाथों से ऐसा कर्म हो जिससे दूसरों का कल्याण हो। संसार में इन हाथों से कोई बुरा कार्य न करें।
कहीं आप भी तो नहीं करते रात के समय श्मशान के पास से निकलने की भूल
कर्म से हम अपने जीवन को स्वर्ग बना सकते हैं और नर्क में भी ढकेल सकते हैं। मनुष्य के हाथ शरीर के महत्वपूर्ण अंग हैं। हमारे दो हाथ पुरुषार्थ और सफलता के प्रतीक हैं। वेंदों में बताया गया है कि व्यक्ति के दाहिने हाथ में पुरुषार्थ होता है और बाएं हाथ में सफलता। भावार्थ यही है कि हम यदि परिश्रम करते हैं तो सफलता अवश्य मिलती है।
अपनी सास का दिल जीतना चाहती हैं तो करें ये उपाय
सुबह जब नींद से जागें तो अपनी हथेलियों को आपस मे मिलाकर यह श्लोक पढ़ते हुए हथेलियों का दर्शन करें-
कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती।
कर मूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते कर दर्शनम्॥
इसका अर्थ है मेरे हाथ के अग्रभाग में लक्ष्मी का, मध्य में सरस्वती का और मूल भाग में ब्रह्मा का निवास है।
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