शादी के दौरान बहुत सी रस्में की जाती हैं, सुहागरात भी शादी का ही एक हिस्सा है। सुहागरात के दिन एक रस्म होती है जिसमें दुल्हन दूध का गिलास लेकर अपने कमरे में जाती है। इसे लोग केवल एक रस्म मानकर ही निभाते हैं लेकिन क्या आपको पता है सुहागरात में दुल्हन अपने दूल्हे के लिए क्यों दूध का गिलास लेकर जाती है। आपको बता दें कि इसका जितना धार्मिक महत्व होता है उतना ही इसका वैज्ञानिक महत्व भी है। आइए आपको बतातें हैं इसके धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व के बारे में....
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धार्मिक कारण :-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दूध शुक्र और चन्द्रमा दो ग्रहों से संबंध रखता है। वैवाहिक संबंध को मजबूत बनाने के लिए इन दोनों ग्रहों का बेहतर होना आवश्यक होता है। शुक्र पुरुषों में शुक्राणु और कामेच्छा को प्रभावित करता है। चन्द्रमा को मन का कारक माना गया है।
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यह व्यक्ति के पाचनतंत्र को भी प्रभावित करता है। सुहागरत पर मन बेचैन हो जाता है जिसका असर पाचनतंत्र पर पड़ सकता है। इस नकारात्मक प्रभाव को दूध दूर करने में सहायक होता है। दूध मन को शांत रखने के साथ ही अच्छी नींद और पाचनतंत्र को भी दुरुस्त रखता है इसी कारण सुहागरात पर दूल्हे को दुल्हन दूध का गिलास भेंट करती है।
वैज्ञानकि आधार :-
ज्योतिषशास्त्र के साथ ही इस रस्म का एक वैज्ञानकि आधार भी है, आपको बता दें कि दूध सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन और एस्ट्रोजन को बढ़ाने में सहायक होता है। इसलिए सुहागरात पर दुल्हे को दूध पिलाने की रस्म की जाती है।
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