शास्त्रों के अनुसार अगर सबसे बड़ा दान कोई है तो वो अन्न दान है। यह संसार अन्न से ही बना है और अन्न की सहायता से ही इसकी रचनाओं का पालन हो रहा है। अन्न एकमात्र ऐसी वस्तु है जिससे शरीर के साथ-साथ आत्मा भी तृप्त होती है। इसीलिए कहा गया है कि अगर कुछ दान करना ही है तो अन्नदान करो। अन्नदान करने से बहुत लाभ होता है। चलिए आपको बताते हैं आखिर क्यों करना चाहिए अन्नदान या अन्नदान के लाभ के बारे में....
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अन्न दान से लाभ :
सभी शास्त्रों में जितने दान और व्रत कहे गए हैं, उनकी तुलना में अन्नदान सबसे श्रेष्ठ है। इस संसार का मूल अन्न है, प्राण का मूल अन्न है। यह अन्न अमृत बनकर मुक्ति देता है।
सात धातुएं अन्न से ही पैदा होती हैं, यह अन्न जगत का उपकार करता है। इसलिए अन्न का दान करना चाहिए।
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इन्द्र आदि देवता भी अन्न की उपासना करते हैं, वेद में अन्न को ब्रह्मा कहा गया है। सुख की कामना से ऋषियों ने पहले अन्न का ही दान किया था। इस दान से उन्हें तार्किक और पारलौकिक सुख मिला।
जो श्रद्धालु विधि-विधान से अन्नदान करता है, उसे पुण्य की प्राप्ति होती है।
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