इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बहुचर्चित आरूषि और हेमराज हत्याकांड में एक सीबीआई अदालत की ओर से दोषी करार दिए गए डेंटिस्ट दंपति राजेश और नुपुर तलवार की अपील पर आज अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने 2013 में राजेश और नुपुर को अपनी बेटी आरूषि और घरेलू सहायक हेमराज की हत्या का दोषी करार दिया था। सीबीआई अदालत के इसी फैसले के खिलाफ तलवार दंपति ने उच्च न्यायालय में अपील की थी।
न्यायमूर्ति बाल कृष्ण नारायण और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने गाजियाबाद स्थित विशेष सीबीआई अदालत के 26 नवंबर 2013 के फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर आज सुनवाई पूरी कर ली। उचच न्यायालय इस पर अपना निर्णय बाद में सुनायेगा। विशेष अदालत ने मई 2008 में हुए दोहरे हत्याकांड में तलवार दंपति को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
तलवार दंपति अभी गाजियाबाद की डासना जेल में बंद है। 29 अगस्त 2016 को उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद नुपुर कुछ दिनों के लिए पैरोल पर रिहा की गई थी।
मई 2008 में तलवार दंपति के आवास के भीतर आरूषि मृत पाई गई थी। उसका गला रेत दिया गया था। शुरू में शक की सुई 45 साल के हेमराज की तरफ गई, लेकिन बाद में घर की छत से पुलिस ने उसका शव भी बरामद किया।
इस हत्याकांड की त्रुटिपूर्ण छानबीन के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस को आलोचना का सामना करना पड़ा था। बाद में राज्य सरकार ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
भाषा