अयोध्या विवाद में स्वामी की अर्जी पर अगले सप्ताह करेगा सुनवाई सुप्रीम कोर्ट

Samachar Jagat | Saturday, 19 Nov 2016 10:36:27 AM
Ayodhya dispute will be heard next week in the Supreme Court on a petition by Swamy

नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय अयोध्या मंदिर विवाद प्रकरण में भाजपा नेता सुब्रमणियन स्वामी की उस अर्जी पर अगले सप्ताह विचार के लिये शुक्रवार को सहमत हो गया कि आखिर क्यों इस मामले की सुनवाई रोजाना होनी चाहिए।

प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति अनिल आर दवे की पीठ के समक्ष स्वामी ने इस अर्जी पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया। इस पर न्यायालय ने उनकी अर्जी अगले सप्ताह के लिये सूचीबद्ध करने का आदेश दिया।
स्वामी ने कहा कि शीर्ष अदालत अयोध्या विवाद से संबंधित मामले में पहले ही उन्हें पक्षकार बना चुकी है और चूंकि यह मामला साढ़े पांच साल से भी अधिक समय से लंबित है, इसलिए अब इसकी रोजाना सुनवाई होनी चाहिए। पीठ ने कहा कि वह स्वामी को सुनना चाहती है कि इस मामले की रोजाना सुनवाई क्यों होनी चाहिए।

शीर्ष अदालत ने 26 फरवरी को स्वामी को अयोध्या विवाद से संबंधित लंबित मामले में हस्तक्षेप की अनुमति दे दी थी। स्वामी अयोध्या में गिराये गये विवादित ढांचे के स्थल पर राम मंदिर का निर्माण की अनुमति चाहते हैं।

भाजपा नेता ने इससे पहले विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण की अनुमति के लिये अर्जी दायर की थी और इस पर शीघ्र सुनवाई के लिये प्रधान न्यायाधीश के समक्ष इसका उल्लेख भी किया था।

 स्वामी ने अपनी याचिका में दावा किया था कि इस्लामिक देशों में प्रचलित परंपराओं के अनुसार सडक़ निर्माण सहित विभिन्न सार्वजनिक उद्देश्यों के लिये मस्जिद को अन्यत्र स्थानांतरित किया जा सकता है जबकि एक बार मंदिर का निर्माण हो जाये तो उसे हाथ भी नहीं लगाया जा सकता है।

उन्होंने राम जन्म भूमि- बाबरी मस्जिद स्थल के विवाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की पीठ के 30 सितंबर, 2010 के फैसले को चुनौती देने वाली तमाम याचिकाओं का शीघ्र निपटारा करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया था।



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
ताज़ा खबर

Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.