नई दिल्ली। बांग्लादेश ने कहा कि उसने म्यांमार से आने वाले रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण दी है, लेकिन दूसरे देशों को भी आगे बढऩा चाहिए और उनको शरण देनी चाहिए।
भारत में बांग्लादेशी उच्चायुक्त सैयद मुअज्जम अली ने यह भी कहा कि उनके देश ने म्यामांर के राखिने प्रांत से लगी अपनी सीमा को बंद नहीं की है।
म्यामांर में सेना पर अत्याचार का आरोप लगाकर बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश में शामिल हुए हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि म्यामांर के 21 अन्य आदिवासी समूहों को जो अधिकार मिले हुए हैं वही अधिकार रोहिंग्या लोगों को देकर समस्या का समाधान होना चाहिए।
बांग्लादेशी उच्चायुक्त ने कहा, ''म्यामांर में 8,00,000 रोहिंग्या है तथा ऐसे में उनकी समस्या का समाधान स्वाभाविक रूप से वहीं होना चाहिए। उनको वही अधिकार मिलने चाहिए जो म्यामांर के 21 अन्य आदिवासी समूहों को मिले हुए हैं।"
भाषा