पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने राज्य में भाजपा की गठबंधन सहयोगी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के दोनों मंत्रियों सुदिन और दीपक धवालिकर को मंत्रिमंडल से हटा दिया है। 40 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 21 और एमजीपी के तीन सदस्य हैं, जिनमें से दो मंत्री थे। हाल ही में एमजीपी नेता और राज्य के परिवहन मंत्री सुदिन धवालिकर ने पारसेकर पर आरोप लगाया था कि अपने ढाई साल के कार्यकाल में उन्होंने गोवा को दस साल पीछे धकेल दिया है।
इसके जवाब में पारसेकर ने कहा था कि सुदिन धवालिकर उनके लिए एजेंडा तय नहीं कर सकते। अगर उनको राज्य सरकार में घुटन महसूस हो रही है तो उन्हें इस्तीफा देकर चले जाना चाहिए। उसके बाद ही उन्हें हमारे खिलाफ कोई सार्वजनिक बयान देना चाहिए।
हालांकि, पारसेकर ने यह भी संदेह जताया था कि सुदिन धवालिकर को कोई उकसा रहा है। उनका इशारा विद्रोही आरएसएस नेता सुभाष वेलिंगकर की ओर था। बाद में पारसेकर के उक्त बयान के बाद एमजीपी अध्यक्ष दीपक धवालिकर ने कहा था कि वर्तमान भाजपानीत सरकार पार्टी (भाजपा) की अकेली जीत के कारण नहीं है। एमजीपी और भाजपा का चुनाव पूर्व गठबंधन था।
भाजपा उम्मीदवारों की जीत में एमजीपी के वोटों का भी हिस्सा था। इसलिए अगर भाजपा चाहती है कि हम चले जाएं, तो उन्हें विधानसभा भंग कर देनी चाहिए। बता दें कि एमजीपी पहले ही घोषणा कर चुकी है कि अगर पारसेकर ही राज्य में भाजपा का नेतृत्व करेंगे तो अगले विधानसभा चुनाव में वह पार्टी से गठबंधन तोड़ लेगी।