मेलबर्न। असली रुपए और वास्तविक जीवन से जुड़ी परियोजनाओं के जरिये बच्चों को गणित सिखाने पर उन्हें विषय को समझने में आसानी हो सकती है और वे उससे जुड़ सकते हैं। गणित को लेकर आम तौर पर यह शिकायत की जाती रही है कि स्कूल के बाहर इसकी कोई जरूरत महसूस नहीं होती।
इसी से निपटने के लक्ष्य के साथ प्रायोगिक तौर पर अध्ययन किया गया। ऑस्ट्रेलिया के वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी की सहायक प्रोफेसर कैथरीन एटार्ड ने बताया कि छात्र उम्मीद करते हैं कि उनको ऐसी जानकारी दी जाएगी जो अर्थपूर्ण होगा और उनके लिए प्रासंगिक होगा।
उन्होंने बताया कि इसको लेकर उन लोगों ने शिक्षकों के साथ मिलकर रुपए, लाभ और हानि, कर्ज और क्रेडिट कार्ड जैसे वित्तीय विषयों पर आधारित परियोजनाओं एवं सार्थक जानने योग्य गतिविधियों की जानकारी मुहैया कराने का प्रयास किया। एटार्ड ने बताया कि शिक्षकों ने देखा कि इससे छात्रों में गणित को लेकर रूचि पैदा हुई और उनकी समझ भी बेहतर हुई।