नई दिल्ली। विदेशों में अपराध कर भारत आ जाने वाले भारतीय नागरिक अब सजा से नहीं बच पायेंगे क्योंकि केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई को यहां ऐसे अपराधियों पर भारतीय कानून के मुताबिक अभियोजन चलाने के लिए नये अधिकार मिल गए हैं।
केंद्र सरकार ने अब इस जांच एजेंसी को उन अपराधियों की जांच और उन पर अभियोजन चलाने के लिए अधिकारसंपन्न बना दिया है जो विदेशों में अपराध करते हैं और शरण के लिए भारत वापस आ जाते हैं।
सीबीआर्ई सूत्रों ने बताया कि कई मामलों में ये भगोड़े यहां सामान्य जीवन जीते हैं क्योंकि उन्हें प्रत्यर्पण संधि की सीमाओं के चलते सुनवाई का सामना करने के लिए उस देश में नहीं भेजा जा सकता था जहां अपराध हुआ है।
सूत्रों ने बताया कि उनपर भारत में सुनवाई नहीं की जा सकती थी क्योंकि अपराध भारतीय एजेंसियों के क्षेत्राधिकार के बाहर हुआ है। भारत की 39 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधियां हैं जिनमें से 21 अपने नागरिकों को उन देशों में भेजे जाने पर रोक लगाते हैं जहां अपराध हुआ है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘हम भारतीय नागरिकों को बुल्गारिया, फ्रांस, जर्मनी, सउदी अरब, पोलैंड, पुर्तगाल, वियतनाम आदि जैसे देशों की प्रत्यर्पण शर्तों के कारण से वहां सुनवाई के लिए नहीं भेजते हैं ।’
सूत्रों ने बताया कि इनमें से ज्यादातर मामले वित्तीय जालसाजी, हत्या, चोरी, वादाखिलाफी से संबंधित अपराध से जुड़े हैं जहां भारतीय नागरिक वहां अपराध कर लौट आए हैं।
सू़त्रों ने बताया कि इन देशों की चिंता है कि उनकी जमीन पर किए गए अपराध अदंडित नहीं रहे और वे विभिन्न राजनयिक मंचों पर यह मुद्दा उठाते रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि अभियोजन की शर्त यह है कि जिस अपराध के लिए ऐसे लोग आरोपित हों, वह भारत में भी संज्ञेय अपराध होना चाहिए। -एजेंसी