कोर्ट ने दी परमिशन, मुस्लिम प्रेमी संग लिव-इन में रह सकेगी हिंदू लडक़ी

Samachar Jagat | Tuesday, 29 Nov 2016 11:21:48 AM
Court lets Hindu girl live with Muslim boyfriend

अहमदाबाद। गुजरात हाई कोर्ट ने 19 साल की हिंदू लडक़ी को उसके 20 वर्षीय मुस्लिम पे्रमी के साथ लिव-इन में रहने की इजाजत दे दी है। लडक़े की उम्र शादी के लिए तय उम्र से कम है इसलिए वे दोनों अभी शादी नहीं कर सकते। स्कूल में साथ पढऩे के दौरान ही दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया और दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया लेकिन शादी के बाद दोनों ही अपना धर्म नहीं बदलना चाहते थे। ऐसे में उनके पास सिर्फ स्पेशल मैरिज एक्ट का ही विकल्प रह गया था।

हालांकि एक ओर जहां लडक़ी कानूनन शादी योग्य है वहीं लडक़े की उम्र अभी तय सीमा से कम है। उम्र की पाबंदी को देखते हुए दोनों ने जुलाई में मैत्री करार के लिए आवेदन किया था। मैत्री करार एक तरह का फ्रेंडशिप अग्रीमेंट है। गुजरात में लिव-इन-रिलेशनशिप को औपचारिक रूप देने के लिए यह अग्रीमेंट किया और करवाया जाता है। एक ओर जहां दोनों जुलाई में यह आवेदन कर चुके थे, वहीं लडक़ी के माता-पिता सितंबर में उसे जबरन अपने साथ लेते गए।

लडक़े ने इसके बाद हाईकोर्ट में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की और कोर्ट को बताया कि उसकी गर्लफ्रेंड को उसके माता-पिता ने बंदी बना रखा है। जब कोर्ट में यह मामला आया तो बनासकांठा पुलिस लडक़ी को कोर्ट लेकर पहुंची। जहां लडक़ी ने बताया कि जैसे ही उसके बॉयफ्रेंड की उम्र 21 साल हो जाएगी, वे दोनों शादी करना चाहते हैं। उसने यह भी कहा कि वह अपने माता-पिता के साथ नहीं रहना चाहती। कोर्ट ने लडक़े को एक ऐफिडेविट जमा कराने को कहा है, जिसमें यह लिखा हो कि वह जैसे ही 21 साल का हो जाएगा, लडक़ी से शादी करेगा।

 



 

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