नई दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कैग ने टाटा टेलीसर्विसेज को बिना किसी जांच के पहले सब्सिडी देने के लिए दूरसंचार विभाग की खिंचाई की है। कैग ने संसद में पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्यापन में खामियां पाया जाना कमजोर निगरानी प्रणाली का संकेतक हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दूरसंचार विभाग ने ग्रामीण इलाकों में संपर्क ढांचे के विस्तार के लिए दूरसंचार कंपनियों को पहले सब्सिडी का भुगतान करना था। यह सब्सिडी जब कनेक्शन लगाया गया और उसे चालू किया गया, उस तिमाही के अंत में दी जानी थी।
कैग ने कहा कि संचार लेखा नियंत्रक, राजस्थान दूरसंचार सर्किल, जो दूरसंचार विभाग की इकाई है, जिसने टाटा टेलीसर्विसेज द्वारा 2008-10 के दौरान किए गए दावे के आधार पर 71.49 करोड़ रपये की अग्रिम सब्सिडी दे दी, जबकि इसमें उपभोक्ता आवेदनों के सही होने की कोई जांच नहीं की गई।
दूरसंचार विभाग ने जनवरी 2008 में टीटीएसएल को ग्राहक आवेदन फार्म दस्तावेजी अथवा कंप्यूटर नेटवर्क के जरिये जमा कराने का निर्देश दिया था। कंपनी को यह निर्देश उन आवेदनों के मामले में दिया गया जिनके लिये पहले सब्सिडी मांगी गई।