नई दिल्ली। अब अमान्य हो चुके नोटों को बदलने के लिए आठ घंटे से अधिक समय तक कतार में खड़े 48 वर्षीय एक व्यक्ति की कथित तौर पर दिल का दौरा पडऩे से आज मौत हो गई। दरअसल, 500 और 1,000 रूपये के नोट को अमान्य किए जाने के आठ दिन बाद भी यहां बैंकों और एटीएम में भीड़ उमड़ी हुई है।
पुरानी दिल्ली निवासी सौद उर रहमान उस वक्त अस्वस्थ हो गए जब वह लाल कुआं के बाहर एक कतार में खड़े थे और उन्हें लोक नायक जय प्रकाश नारायाण अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई।
रहमान पिछले दो दिनों से बैंक जा रहे थे। वह सुबह करीब पांच बजे बैंक की शाखा पर पहुंचे थे और घंटों कतार में इंतजार किया। उनकी बारी आने तक बैंक में नकद खत्म हो गया या काउंटर बंद हो गया।
उनके परिवार के सदस्य सिराज अहमद ने दावा किया, ‘‘आज भी वह कतार में खड़े रहे। मुझे उनका दोपहर पौने बारह बजे फोन आया कि वह अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं। मैं फौरन मौके पर पहुंचा। मैं उन्हें अस्पताल ले गया जहां करीब एक बजे उनकी मौत हो गई।’’
हालांकि, पुलिस ने ऐसी कोई सूचना मिलने से इनकार किया है।
अस्पताल के मेडिकल निदेशक डॉ जेसी पासी ने इस विषय पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
शहर के कई अस्पतालों में रोगियों और उनके परिवार के सदस्यों को दवाइयां, खाने की चीजें और परिवहन में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।