नोटबंदी की समाप्ति चाहते हैं केजरीवाल व ममता, जन विद्रोह की चेतावनी

Samachar Jagat | Friday, 18 Nov 2016 07:23:04 AM
Demonetisation Mamata Kejriwal demand rollback in 3 days warn of revolt and unrest

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले को वापस लेने की मांग की और तीन दिनों के अंदर नोटबंदी के फैसले को वापस नहीं लेने पर जनविद्रोह की चेतावनी दी। लेकिन, सरकार ने भ्रष्टाचार, कालाधन और आतंक के लिए धन देने पर रोक लगाने के मकसद से लिए गए 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट को अमान्य करने के फैसले से पीछे हटने की किसी संभावना से इनकार कर दिया है। राष्ट्रीय राजधानी के आजादपुर थोक फल बाजार में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी और केजरीवाल ने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के फैसले के पीछे एक साजिश होने का आरोप लगाया जिसकी वजह से देश भर में नकदी को लेकर अव्यवस्था फैली हुई है।

नोटबंदी के बाद के असर को संकट बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि लोगों के पास रोजमर्रा की जरूरी चीजें खरीदने के लिए भी पैसा नहीं है। उन्होंने कहा, यदि यह सब वास्तव में भ्रष्टाचार और कालाधन के खिलाफ होता तो आपका पहला समर्थन करने वाला अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी होती। इस फैसले को तीन दिनों के अंदर वापस लें..लोगों के धर्य की परीक्षा न लें। अन्यथा लोग बगावत कर देंगे।

इससे पहले इस रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने मोदी के अच्छे दिन के नारे का मजाक उड़ाया और कहा कि नोटबंदी के मौजूदा फैसले से भारत में आर्थिक अस्थिरता पैदा हो गई है। उन्होंने कहा, क्या अच्छे दिन यही हैं? यदि तीन दिनों के अंदर आपने नोटबंदी के फैसले को वापस नहीं लिया तो हम लोग अपना विरोध बढ़ा देंगे।

भारत की सबसे बड़ी थोक मंडियों में से एक में आयोजित इस रैली में इन दोनों नेताओं के संबोधन के बाद जवाब में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी के फैसले को वापस लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने ममता और केजरीवाल पर लोगों में भय पैदा करने का आरोप लगाया। नोटबंदी से सर्वाधिक प्रभावित छोटे व्यापारी हुए हैं। लोग राशन, दवाओं और आने-जाने के लिए नकदी का इंतजाम करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

नोटबंदी के कारण आत्महत्या, दिल का दौरा पडऩे से और अस्पतालों में हुई मौतों को मिलाकर कम से कम 42 लोगों की जान जा चुकी है। वह एक आयकर आयुक्त रह चुके हैं, इस बात की लोगों को याद दिलाते हुए केजरीवाल ने कहा कि यह उनकी समझ से बाहर है कि 2000 रुपये के नोट लाने से भ्रष्टाचार और कालाधन पर किस तरह से रोक लगेगी।

उन्होंने कहा कि बैंकों ने कॉरपोरेट घरानों को आठ लाख करोड़ से भी अधिक कर्ज दिए हैं। इस पैसे को या तो धनकुबेरों ने बेइमानी से ले लिया है या आंशिक रूप से बैंकों ने उसे बट्टे खाते में डाल दिया है।

उन्होंने कहा कि आठ लाख करोड़ रुपये कर्ज की राशि के लिए कुछ नहीं किया गया..नोटबंदीएक साजिश है। केजरीवाल ने कहा कि सरकार लोगों से बंद मुद्रा को जमा करके और बट्टे खाते को खारिज मान कर 10 लाख करोड़ रुपये पाने की उम्मीद कर रही है। केजरीवाल ने कहा, अंबानी और अडानी पर छापा क्यों नहीं मारा गया? जिनके स्विस बैंक में खाते हैं उन पर छापे क्यों नहीं मारे जा रहे हैं? शेष भारत लाइन में क्यों है? केजरीवाल ने मोदी पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एक समय था जब वह सोचते थे कि मोदी ईमानदार आदमी हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब दो कारपोरेट घरानों ने उन्हें 40 करोड़ रुपये रिश्वत दी थी। इस आरोप के लिए केजरीवाल ने एक कागज दिखाया जिसे उन्होंने आयकर विभाग का दस्तावेज बताया। उन्होंने इस मामले की जांच की मांग की।

इससे पहले रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार के इस फैसले ने देश में आर्थिक अस्थिरता पैदा कर दी है। ममता ने कहा काला धन रोकने के सरकार के कदम का समर्थन किया था लेकिन भ्रष्टाचार से लडऩे के नाम पर इस मारा-मारी को जारी नहीं रहने दूंगी। ट्रक वालों ने मुझसे कहा कि उनके पास चालकों को देने के लिए पैसे नहीं हैं। ट्रक देश की जीवन रेखा हैं। यदि ट्रकों का चलना बंद हो गया और मंडियों में सब्जियां और फल आने बंद हो गए तो क्या होगा? ममता ने सवाल किया, लोग खाएंगे क्या? हीरा? एटीएम? यह किस तरह का मजाक है? अपने लिए, बच्चों के लिए खाना खरीदने के लिए लोगों के पास पैसा नहीं है। किसान क्या करेंगे? उन्होंने कहा कि इतनी खराब स्थिति 1975-77 के आपतकाल में भी नहीं थी।

 



 

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