नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की खासियत थी कि वह राजनीति में व्यावहारिक आम राय बनाते थे। यह उस वक्त भी साबित हुआ था जब उनकी सरकार में शांतिपूर्ण ढंग से तीन नए राज्यों - छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड - का गठन हुआ था। वाजपेयी सिर्फ भाजपा के ही नहीं, देश के उम्दा नेताओं में थे शुमार हैं। वाजपेयी की बातें, उनकी कविताएं, उनके विचार सभी काफी प्रेरणादायक हैं।
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छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड का गठन क्रमश: एक नवंबर, नौ नवंबर और 15 नवंबर 2000 को हुआ था। छत्तीसगढ़ को मध्य प्रदेश, उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश और झारखंड को बिहार से अलग कर राज्य बनाया गया था।
वाजपेयी थे निमोनिया से पीड़ित, उनके कई अंगों ने कर दिया था काम करना बंद : चिकित्सक
भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने भी बगैर किसी परेशानी के तीनों राज्यों के गठन के लिए वाजपेयी की काबिलियत की तारीफ की थी। उन्होंने एक ब्लॉग में लिखा था, ''वाजपेयी के कार्यकाल में एनडीए ने तीन बड़े राज्यों - मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार - को विभाजित कर तीन नए राज्य - छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड - बनाए थे और कोई परेशानी नहीं हुई थी।
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पिछले महीने संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तीन राज्यों के गठन में वाजपेयी की भूमिका की तारीफ की थी। एम्स के चिकित्सकों के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी निमोनिया से पीड़ित थे और उनके कई प्रमुख अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। उन्होंने कहा कि 93 वर्षीय वयोवृद्ध नेता को उनके जीवन के अंतिम दिन एक्स्ट्राकॉर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजिनेशन (ईसीएमओ) सपोर्ट पर रखा गया था।