पुणे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि एथनॉल का उपयोग कर कच्चे तेल का आयात कम करने में मदद मिल सकती है। उन्होंने इस बारे में ब्राजील का उदाहरण देते हुये कहा कि वहां पेट्रोल के स्थान पर काफी मात्रा में एथनॉल का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है।
मोदी ने यहां कहा, ''भारत में सबसे ज्यादा पेट्रोल, डीजल और कच्चे तेल का आयात किया जाता है। हम एथनॉल का इस्तेमाल कर इसमें कमी ला सकते हैं। ब्राजील ने एथनॉल का काफी बेहतर इस्तेमाल किया है।
मोदी यहां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी 'गन्ना मूल्य श्रंखला- विजन 2025 चीनी' का उद्घाटन करने के मौके पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ''पिछले दो सालों में एथनॉल का उत्पादन और बिक्री तीन गुणा बढ़ी है। एथनॉल अर्थव्यवस्था में संतुलन शक्ति बन सकता है।
एथनॉल एक नवीकरणीय ईंधन है जो कि सीरा, मक्का और दूसरे पौधों से बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ''कई वर्षों से कृषि शोध और प्रौद्योगिकी के मामले में दुनिया के कई देशों से पीछे रहा है। हम गन्ने के मामले में लघु सिंचाई के जरिये अच्छे परिणाम हासिल कर सकते हैं।
उन्होंने महाराष्ट्र का जिक्र करते हुये कहा कि इस राज्य में किसानों ने लघु सिंचाई को अपनाना शुरू किया है।
प्रधानमंत्री ने गन्ने की फसल में चीनी तत्व बढ़ाने के लिये अनुवांशिक हस्तक्षेप के बारे में भी कहा। उन्होंने कहा, ''यदि हम दलहन की फसल को प्रोत्साहित करते हैं कि उसके लिये बाजार की गारंटी है।
उन्होंने कहा कि बांस के उत्पादों के लिये भी दुनियाभर में बाजार उपलब्ध है। इसके लिये पानी की भी ज्यादा जरूरत नहीं है और अधिक उत्पादन की संभावना उपलब्ध रहती है।
मोदी ने कृषि क्षेत्र में स्टार्ट अप की भी बात की। उन्होंने कृषि क्षेत्र में मूल्य वर्धन पर जोर देते हुये कहा, ''हमें कृषि क्षेत्र में नवोन्मेष पर काफी काम करना है।
भाषा