नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने देशभर में अदालत कक्षों और आधारभूत ढांचे की कमी को लेकर आज चिंता जताई तथा सरकार को निर्देश दिया कि वह अदालतों के आधारभूत ढांचे के लिए उपलब्ध कराए गए धन का राज्यवार ब्योरा दे ।
शीर्ष अदालत ने केंद्र से कहा कि वह 14वें वित्त आयोग द्वारा देश में न्यायपालिका के लिए एक अप्रैल 2015 से अगले पांच वर्षों के लिए उपलब्ध कराए गए कुल कोष के बारे में जानकारी प्रदान करे ।
प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह से कहा कि वह उस तरीके के बारे में बताएं जिसमें केंद्र न्यायपालिका के लिए आवंटित धन के राज्यों द्वारा इस्तेमाल पर निगरानी प्रस्तावित करता है ।
पीठ ने इस संबंध में 10 दिन के भीतर हलफनामा दायर करने को कहा ।
न्यायालय विभिन्न अदालतों में बकाया और रिक्तियों से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रहा था ।