बेंगलुरू। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि वैश्वीकरण, अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी जैसे कारकों ने देश में कानूनी शिक्षा की पूरी स्थिति को बदल दिया है। उन्होंने कहा कि कानून में अति विशेषज्ञता आने वाले समय में प्रचलन में होगा।
उन्होंने कहा, तीन कारकों -- वैश्वीकरण, अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी के बीच कानूनी शिक्षा का पूरा चरित्र बदल गया है और इसलिए आपको कानून की शिक्षा की परंपरागत अवधारणाओं जैसे आपराधिक और सिविल सूट कानून पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत नहीं है।
जेटली ने कहा, एक सफल वकील बनने के लिए हर किसी को परंपरागत कानूनी शिक्षा अवधारणों में सुधार लाना होगा। आगामी दिनों में हम पाएंगे कि परंपरागत अवधारणाओं का शायद ही इस्तेमाल हो और कानूनी क्षेत्र में अति विशेषज्ञता की जरूरत होगी।
कर्नाटक में लिंगायत एजुकेशन सोसायटी के लॉ कॉलेज के नए परिसर के उद्घाटन समारोह के दौरान मंत्री ने ये बातें कहीं।
जेटली ने कहा कि वैश्वीकरण ने कानूनी शिक्षा के चरित्र पर प्रभाव डाला है और इसका वैश्वीकरण नहीं करने का विपरीत असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा, जब मैं यहां आ रहा था तो एक अखबार में मैंने बे्रग्जिट के बारे में पढ़ा। ब्रेग्जिट अर्थव्यवस्था की अवधारणा के विपरीत और संकीर्ण है। इसलिए परिणाम के बारे में आज सोचना काफी कठिन है।