मुंबई। 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को रद्द करने के फैसले के बाद अब केंद्र सरकार एक और बड़ा फैसला ले सकती है। खबरों के मुताबिक सरकार कैश विद्ड्रॉल, ट्रांजैक्शंस और कोई अपने पास कितना पैसा रख सकता है, इसकी एक लिमिट तय कर सकती है। सूत्रों की मानें तो यह लिमिट कंपनियों के साथ-साथ आम लोगों पर भी लागू होगी। हाल ही केंद्र सरकार ने कुछ एक्सपट्र्स से इस बारे में राय मांगी थी। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही यह फैसला भी ले सकती है।
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इंडस्ट्री पर नजर रखने वालों ने कहा कि सरकार अगले साल के बजट में ऐसा कदम उठाने पर विचार कर सकती है। सरकार सीबीडीटी या आरबीआई के सर्कुलर के जरिए भी इस बदलाव का ऐलान क सकती है। अशोक माहेश्वरी एंड एसोसिएट्स एलएलपी के पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा, यह भी हो सकता है कि बजट में यह कदम उठाए जाए क्योंकि सरकार ब्लैक मनी इकनॉमी पर हमला कर रही है। इसका अर्थ यह होगा कि इनकम टैक्स ऑफिसर इस लिमिट से ज्यादा कैश रखने वालों की जांच कर सकेगा। एक सूत्र ने बताया, सवाल यह पूछा गया है कि कैश ट्रांजैक्शंस घटाने के बारे में एसआईटी के प्रस्ताव को क्या लागू किया जा सकता है? इस सवाल के जरिए यह जानने की कोशिश हो रही है कि ऐसे कदम को लागू करने में किस तरह की समस्याओं या विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
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सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने इस साल जुलाई में सलाह दी थी कि कैश ट्रांजैक्शंस की लिमिट 3 लाख रुपये और कैश होल्डिंग्स की लिमिट 15 लाख रुपये तय कर दी जाए। इंडस्ट्री पर नजर रखने वालों का कहना है कि हो सकता है कि सरकार, एसआईटी के इस प्रस्ताव को लागू नहीं करे क्योंकि इससे कैश ट्रांजैक्शंस और कैश होल्डिंग्स की सीमा बदल जाएगी। नांगिया ऐंड कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर राकेश नांगिया ने कहा, डिमॉनेटाइजेशन और कैश विदड्रॉल पर पाबंदी बहुत सकारात्मक कदम है क्योंकि इससे पैरलल इकॉनमी खत्म हो जाएगी और ब्लैक मनी जेनरेट होने की गुंजाइश बेहद कम रह जाएगी।
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मैं इसे ब्लैक मनी पर सरकार के हमले की स्ट्रैटेजी के विस्तार के रूप में देख रहा हूं। इसका इंडियन इकनॉमी पर बहुत सकारात्मक असर हो सकता है। एक्सपट्र्स ने कहा कि ऐसे कदम का मतलब यह हो सकता है कि ब्लैक मनी के खिलाफ लड़ाई का एक और मोर्चा खुल जाएगा और जीएसटी के साथ मिलाकर देखें तो इसका बहुत असर पड़ेगा। सीनियर टैक्स एक्सपर्ट उदय वेद ने कहा, जीएसटी से ब्लैक मनी को बड़ा झटका लगेगा। अगर सरकार एसआईटी की सलाह मान लेती है तो बहुत अच्छा होगा। हो सकता है कि कैश होल्डिंग्स के बारे में जो सलाह दी गई है, सरकार उसकी लिमिट बढ़ा दे और कुछ स्थितियों में टैक्स लगा दे।
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