नई दिल्ली। केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ओडिशा के तटीय इलाकों में चक्रवाती तूफान 'तितली’ से उत्पन्न हालात से निपटने के लिए किए गए एहतियाती उपायों की समीक्षा कर संबद्ध विभागीय अधिकारियों को स्थिति पर लगातार नजर रखते हुए आपसी तालमेल के साथ हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया है।
मंत्रालय की ओर से प्राप्त जानकारी के मुताबिक डॉ. हर्षवर्धन ने चक्रवाती तूफान तितली के प्रचंड रूप धारण करने की आशंका जारी किए जाने के बाद मंगलवार को देर शाम मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपात बैठक कर स्थिति की समीक्षा की।
इस दौरान उन्होंने बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से उठे चक्रवाती तूफान तितली और अरब सागर से लोबान तूफान के संभावित प्रभाव क्षेत्र में हालात से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि मौसम विभाग एवं अन्य संबद्ध एजेंसियों की ओर से इस बारे में आंध्र प्रदेश और ओडिशा सरकार एवं स्थानीय प्रशासन को चेतावनी जारी कर एहतियाती उपाय करने का परामर्श दिया गया है।
इसके अलावा आपदा प्रबंधन को भी सभी एहतियाती उपाय करने को कहा गया है। मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि चक्रवाती तूफान तितली तुलनात्मक रूप से और भी अधिक तेज होकर भारत के पूर्वी तट को पार कर उत्तरी आंध्र प्रदेश और ओडिशा में गोपालपुर से 11 अक्टूबर को सुबह गुजरेगा।
इस दौरान चक्रवाती हवाओं की अधिकतम गति 65 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है। इसके उत्तरी आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में बुधवार रात तक पहुंचने की संभावना है। चक्रवाती तूफान लोबान के बुधवार रात को भयानक रूप धारण कर पश्चिमोत्तर दिशा में बढ़ते हुए अगले 5 दिन में इसके यमन और दक्षिणी ओमान तक पहुचंने की संभावना है।
डॉ. हर्षवर्धन ने हालात की गंभीरता को देखते हुए सभी वरिष्ठ अधिकारियों को स्थिति पर लगातार नजर रखने को कहा है। साथ ही उन्होंने संभावित परिस्थितियों से निपटने के लिए सभी एहतियाती उपाय करते हुए केन्द्र और राज्य सरकार की एजेंसियों के बीच पुख्ता संवाद कायम करने के निर्देश दिए है। जिससे जान-माल के नुकसान को न्यूनतम किया जा सके। मंत्रालय में भी शीर्ष स्तर पर स्थिति पर नजर रखी जा रही है।