दहेज मौत के मामले में आरोपी के खिलाफ क्रूरता के सबूत जरूरी हैं : सुप्रीम कोर्ट

Samachar Jagat | Monday, 21 Nov 2016 11:44:14 AM
In the case of dowry death, cruelty evidence against the accused must: SC

नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि दहेज मौत के मामले में आरोपी की भूमिका तभी सवालों के घेरे में आएगी जब ऐसे सबूत हों कि मृतक महिला को दहेज की मांग के लिए प्रताडि़त किया गया था।

साक्ष्य अधिनियम के अंतर्गत दहेज हत्या के मामलों में दोषी ठहराने के लिए कुछ प्रावधान हैं जिनके तहत अगर महिला की मौत विवाह के सात साल के भीतर होती है और क्रूरता के सबूत भी मौजूद हैं तो आरोपी को प्रथमदृष्टया दोषी माना जाएगा।

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और अमिताव रॉय की पीठ ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर अभियोजन इस बात के स्पष्ट सबूत पेश नहीं कर पाता है कि दहेज हत्या मामले में आरोपी ने दहेज की मांग को लेकर महिला को प्रताडि़त किया था तो अधिनियम के तहत धारणा की आड़ लेकर व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। 

पीठ ने कहा कि दहेज हत्या के मामलों में धारणा साक्ष्य अधिनियम के अनुच्छेद 113बी के तहत को तभी स्वीकार किया जाएगा अगर इस बात के सबूत होंगे कि आरोपी ने मृतक महिला को दहेज की मांग को लेकर प्रताडि़त किया या उसके साथ क्रूरता की और वह भी इस हद तक कि उसकी परिणति मौत के रूप में हुई।

 न्यायालय ने यह आदेश वर्ष 1996 में अपने ससुराल में फांसी से लटकी पाई गई एक महिला के ससुराल पक्ष के कुछ लोगों को बरी करते हुए दिया।



 

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