नई दिल्ली। भारत ने उच्च स्तर पर, 'ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन" ओआईसी के सदस्य देशों सहित विभिन्न देशों में अपने वार्ताकारों को जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के लिए सहयोग और उसे बढ़ावा देने में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में बताया है।
विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में आज बताया कि पाकिस्तानी मीडिया के सूत्रों के अनुसार, कश्मीर मुद्दे पर बात करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने दुनिया के विभिन्न देशों की राजधानियों में अपने 22 विशेष दूत भेजे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के इन 22 विशेष दूतों को जम्मू कश्मीर में भारतीय बलों द्वारा कथित तौर पर मानवाधिकारों का उल्लंघन किए जाने के बारे में विश्व को बताने का जिम्मा सौंपा गया है।
अकबर ने बताया कि ये विशेष दूत बेल्जियम, चीन, फ्रांस, रूस, सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र गए।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इन देशों में मौजूद अपने वार्ताकारों और 'ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन" ओआईसी के सदस्य देशों में अपने वार्ताकारों को जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के लिए सहयोग और उसे बढ़ावा देने में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में बताया है।
साथ ही यह भी जोर दिया गया है कि भारत विरोधी आतंकवादियों का महिमा मंडन करने और सीमा पार से जारी आतंकवाद को समर्थन देने की पाकिस्तान की नीति से पूरे क्षेत्र में शांति और स्थिरता प्रभावित हो रही है।
अकबर ने कहा ''ऐसा नहीं लगता कि पाकिस्तान के इन दूतों के प्रयासों की ओर अधिक ध्यान दिया गया हो।
एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने बताया कि भारत ने रूस की सरकार के समक्ष उसके पाकिस्तान के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास करने के फैसले का मुद्दा उठाया है क्योंकि कुछ खबरों में, यह संयुक्त अभ्यास कश्मीर के पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से में किये जाने का संकेत दिया गया था।
अकबर ने कहा कि जवाब में रूसी पक्ष ने स्पष्ट किया कि यह अभ्यास कश्मीर के पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से में नहीं किया जाएगा।