नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी आपातकाल लगाने को लेकर बहुत असहज थीं और यदि ऐसा न होता तो वह 1977 में आम चुनाव न करातीं। सोनिया ने समाचार चैनल इंडिया टुडे को दिए साक्षात्कार में कहा, मैं नहीं कह सकती कि वह (इंदिरा) आपातकाल को आज किस तरह देखतीं, लेकिन अगर वह उस समय असहज महसूस न करतीं तो वह आम चुनाव की घोषणा नहीं करतीं। 1975 में इंदिरा गांधी की तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा आंतरिक अशांति के कारण देश में 21 महीने तक आपातकाल लगाए जाने पर सोनिया ने बताया कि इंदिरा को अपने बेटे राजीव गांधी (पूर्व प्रधानमंत्री) से आपातकाल के बारे में आम लोगों की प्रतिक्रिया मिलती रहती थी।
सोनिया ने कहा, ऐसे कई वाकये हुए जब पायलट की नौकरी के दौरान राजीव आम लोगों से मिलते, जो उन्हें बताते थे कि देश में क्या हो रहा है। राजीव ये बातें अपनी मां इंदिरा को बताते थे। मैं उन्हें (इंदिरा) राजीव की बातें सुनते और उस पर अपनी प्रतिक्रिया देते देखा करती थी। आपातकाल के बाद 1977 के आम चुनावों में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की करारी हार हुई थी। आपातकाल का विरोध करने वाली जनता पार्टी ने कई अन्य पार्टियों के सहयोग से केंद्र में सरकार बनाई और मोरारजी देसाई देश के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने। इंदिरा गांधी हालांकि 1980 के आम चुनाव में केंद्र की सत्ता में वापसी करने में सफल हुईं।