नई दिल्ली। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर देश में महिला विरोधी अपराधों के बढ़ते मामलों को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस संसद के मानसून सत्र में इस मुद्दे को पुरजोर ढंग से उठाएगी। सुष्मिता ने ‘भाषा‘ के साथ बातचीत में कहा कि अगर देश में महिलाएं, अल्पसंख्यक और दलित खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं तो यह सरकार के लिए आत्मचिंतन का विषय है।
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लेकिन सरकार समस्या को स्वीकार कर समाधान करने की बजाय इनकार करने में लगी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार को गंभीरता से नहीं ले रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी संसद के आगामी सत्र में महिला विरोधी हिंसा का मामला उठाएगी।
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सुष्मिता ने ‘थॉमसन रॉयटर फाउंडेशन‘ के हालिया सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि जब हमारी सरकार में यह सर्वेक्षण आता है तो वह इस पर कुछ बोलते हैं और जब इनकी सरकार में आता है तो कुछ और बोलते हैं। समस्या से आंख मूँदने की बजाय समाधान के लिए कदम उठाना होगा।
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सरकार की ओर से 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान का अध्यादेश लाने के बारे में उन्होंने कहा कि अगर देश में माहौल सही होता तो मौत की सजा के कानून की क्या जरूरत होती? सामाजिक माहौल में बदलाव करना होगा। मोदी सरकार को माहौल सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।
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