नई दिल्ली। लोकसभा में नोटबंदी पर मतविभाजन के प्रावधान के साथ चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे एवं नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
दो बार के स्थगन के बाद 12:45 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विपक्ष के नेताओं को बहस शुरू करने की अपील की जिस पर तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि राज्यसभा में विपक्ष ने जो नोटिस दिया था उसी पर चर्चा शुरू हो गई है। पर यहां उसे अनुमति नहीं दी जा रही है। विपक्ष आम आदमी की दिक्कतों पर पर बात करना चाहता है।
अध्यक्ष ने कहा कि इस बारे में पहले कहा जा चुका है। अन्य सदस्यों का भी सदन की कार्यवाही में अधिकार है। वे भी अपने अपने क्षेत्र में जनता की समस्याओं को उठाना चाहते हैं। इसके बाद सदन में शून्यकाल की कार्यवाही आगे बढ़ाने के लिए सदस्यों के नाम पुकारना शुरू कर दिया।
इसके बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों, राष्ट्रीय जनता दल समेत विपक्षी सदस्य सदन के बीचों बीच आकर नारे बाजी करने लगे। उन्होंने मोदी सरकार की तानाशाही, नहीं चलेगी, नहीं चलेगी, 80 लोग मारे गए, मोदी सरकार जवाब दो, जवाब दो, किसान का पैसा किसान को दो और गरीब किसान एक हैं जैसे नारे लगाए। इस दौरान अन्नाद्रमुक के सदस्य भी अपनी सीटों पर खड़े रहे लेकिन उन्होंने नारे नहीं लगाए।
इस बीच करीब सात आठ सदस्यों ने लोक महत्व के विभिन्न विषय सदन के समक्ष उठाए। इसके पश्चात अध्यक्ष ने नियम 377 के तहत मामलों के लिखित वक्तव्य सदन के पटल पर जमा कराने के निर्देश दिए। इसबीच हंगामा कर दिया जिसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करने का एलान कर दिया।
इससे पहले विपक्ष ने 11 बजे प्रश्नकाल में हंगामा किया था जिसके बाद कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। इसके बाद 12 बजे से 12:35 बजे तक सदन की कार्यवाही नारेबाजी एवं हंगामे के बीच चलने के बाद कार्यवाही को दस मिनट तक स्थगित किया गया था।