ऐसी हैं! केंद्र सरकार के फैसलों के आगे नहीं झुकने वाली ममता बनर्जी

Samachar Jagat | Friday, 02 Dec 2016 10:41:50 AM
Mamata Banerjee are not bending forward Such decisions of the central government

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच तनातनी जारी है। पश्चिम बंगाल राज्य  सचिवाल (नबन्ना) के करीब स्थित टोल के समीप सेना की तैनाती के खिलाफ केंद्र सकरार कड़ा हमला बोलने वाली ममता बनर्जी ने आखिर सेना की  टुकड़ी को हटवाकर ही दम लिया। खबर है कि सेना के अस्थायी शैड हटा लिए गए हैं और वहां से सेना ने मूवमेंट कर लिया है। सेना की तैनाती के विरोध में ममता बनर्जी रात भर सचिवालय में बैठी रहीं और सेना के हटने तक वहां से ना जाने की बात कही। 

हालांकि रक्षा मंत्रालय के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी ने अपने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि यह सेना की एक एनुअल (सालाना) एक्टिविटी है जो पश्चिम के उत्तर-पूर्वी राज्यों की सुरक्षा को लेकर की जाती है, और हम राज्य की पुलिस को समर्थन में लेकर यह कार्यवाही कर रहे हैं। दीदी नाम से मशहूर वेस्ट बंगाल की सीएम ममता बनर्जी अभी इस लड़ाई को आगे ले जाने के मूड में दिख रही हैं। ममता ने अब इस मामले की शिकायत राष्ट्रपति से करने की ठानी है। 

मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद से ही ममता बनर्जी केंद्र के इस फैसले के खिलाफ पूरे देश में मीटिंग कर रही हैं और केंद्र के इस फैसले का पुरजोर विरोध कर रही हैं यहां तक की उन्होंने मोदी को गद्दी से हटावाने तक चैन से नहीं बैठने तक की धमकी भी दे डाली है। 

हमेशा से ही केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार के कई फैसलों पर खुला विरोध करने वाली ममता बनर्जी कभी अपने कदम पीछे नहीं हटातीं उनकी इस दिलेरी और साफ छवि के कारण ही पश्चिम बंगाल की जनता उन्हें पसंद करती है।

टाटा के नैनो प्रोजेक्ट के लिए सिंगूर में अधिग्रहण की गई किसानों की जमीनों के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली ममता बनर्जी ने इस विरोध से केंद्र और राज्य सरकार की जड़े हिला दीं थीं, और आखिर रतन टाटा का अपनी इस लखटकिया कार का प्रोजेक्ट सिंगूर से गुजरात में शिफ्ट करना पड़ा था। 

अब उनकी पार्टी का मानना है कि, केंद्र सरकार के इस खुले विरोध के कारण ममता बनर्जी को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है। पटना से कोलकाता आते समय उनके विमान को आसमान में ही रोका गया और उनके विमान को एयरपोर्ट पर उतरने की इजाजत नहीं दी गई।

उनकी पार्टी ने इस बात का मुद्दा संसद में उठाकर हंगामा खड़ा कर दिया जिसमें कहा गया कि उनकी जान को खतरा है, साथ ही उनकी पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि पायलट ने एटीसी (एयर ट्रेफिक कंट्रोल) को एमरजेंसी लैंडिंग की सूचना दी था और विमान में सिर्फ आठ मिनट का फ्यूल (ईंधन) बचा था। अब ममता के ताबड़तोड़ हमलों से केंद्र सरकार का बैकफुट पर आती नजर आ रही है। अब तो यह भी लगता है कि ममता इस पीएम बनाम सीएम की जंग में पीछे हटने वाली नहीं है।

अब तक पश्चिम बंगाल में ममता के इरादे और फैसले सही साबित हुए हैं जिससे ममता को काफी कामयाबी भी मिली है। पूरे विपक्ष में ममता ही नोटबंदी के खिलाफ अकेली आंदोलन का रूप देने में लगी हैं जिसे उन्होंने पश्चिम बंगाल में काफी हद तक कामयाब भी बनाया है।

बंद को लेकर कांग्रेस और वामदल पीछे हटते नजर आए लेकिन ममता पीछे नहीं हटीं और इस नोटबंदी के फैसले को वापस लेने की चुनौती दे रही हैं, हालांकि इस फैसले पर केंद्र सरकार मजबूत स्थिति में है लेकिन ममता का यह विरोध केंद्र सरकार के लिए दिक्कत पैदा कर सकता है, क्योंकि, अगर देखा जाए तो पश्चिम बंगाल देश का बड़ा राज्य है और वहां ममता का अच्छा दबदबा है और इस बात से  बीजेपी की केंद्र  सरकार अच्छी तरह वाकिफ है।

हाल ही में बीजेपी ने वहां ममता की टीएमसी से करारी शिकस्त खाई है। पश्चिम बंगाल का ज्यादातर तबका मजदूरी और खेती से अपना जीवन-यापन करता है देश के हर कोने में इस राज्य के नागरिक निवास करते हैं जो ममता बनर्जी में काफी विश्वास करते हैं और ममता उन पर अपनी मामता भी बरसाती हैं। इस तरह केंद्र के लिए ममता की नाराजगी मौल लेना सही नहीं होगा। लेकिन ममता दीदी, तो ममता दीदी हैं उन्हें कौन समझाए? 



 

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