वर्ष 1993 के मुंबई बम ब्लास्ट के दोषी याकूब मेनन की फांसी के बाद एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने भड़काउ व विद्वेष फैलाने वाला बयान दिया था। इसे लेकर हाजीपुर के अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी (एसडीजेएम) आनंद कुमार ने उनके विरुद्ध सामाजिक विद्वेष फैलाने के आरोप में गैर जमानती वारंट जारी किया है।
हाजीपुर व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता राजीव कुमार शर्मा ने 30 जुलाई 2015 को ओवैसी, उनकी पार्टी के विधायक वारिश पठान, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह, सांसद शशि थरुर एवं 10 अन्य के विरुद्ध देशद्रोह एवं सामाजिक विद्वेष फैलाने का मामला दायर किया था। मामले में एसडीजेएम राजेश पाण्डे ने ओवैसी के विरुद्ध विद्वेष फैलाने को लेकर भादवि की धारा 153ए के तहत संज्ञान तेजे हुए 23 जुलाई, 2016 को सम्मन जारी किया था।