नई दिल्ली। नोटबंदी पर राज्यसभा में विपक्ष ने केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। पूर्व पीएम और जाने माने इकोनॉमिस्ट डॉ मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ये बिना तैयारी के लिया गया फैसला है और इससे 2 फीसदी तक जीडीपी का नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का क्या परिणाम होगा अभी साफ नहीं है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि नोटबंदी को लागू करने में बदइंतजामी हुई और लोग परेशानी में हैं। इससे छोटे कारोबारियों को बड़ा नुकसान होगा और लंबे वक्त में सब कुछ खत्म हो जाएगा। मनमोहन सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने नोटबंदी के फैसले को संगठित लूट तक कह दिया।नोटबंदी फैसले पर मनमोहन के सवालों का प्रधानमंत्री मोदी ने तो आज कोई जवाब नहीं दिया।
पीएम तो कुछ नहीं बोले या यूं कहिए कुछ नहीं बोल पाए लेकिन मनमोहन के वार पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पलटवार किया।वहीं मोदी सर्वे पर भी विपक्ष के नेताओं ने सवाल उठाए। टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने इसे फर्जी बताया तो मायावती ने देश में फिर से चुनाव कराने की चुनौती दे दी। समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा उन्हें यूपी से क्यों डर लगता है।
वहीं पश्चिम बंगाल की नेता ममता मुखर्जी ने आज राष्ट्रपति से मुलाकात की। उन्होंने एक बार फिर से मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि सरकार ने देश में इमरजेंसी जैसे हालात पैदा कर दिए हैं।नोटबंदी को लेकर कई दिनों से संसद में हंगामा हो रहा है लेकिन आज तो हद ही हो गई। लोकसभा और राज्यसभा, दोनों जगह सदन की मर्यादा तोड़ी गई।
लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद अक्षय यादव ने स्पीकर पर पेपर फेंक दिया तो वहीं राज्यसभा में विपक्ष के सांसदों ने पीएम भाग गया-पीएम भाग गया के नारे लगाए।लोक सभा में यह अप्रिय स्थिति उस समय पैदा हुई जब लोकसभा में अध्यक्ष सुमित्रा महाजन सदन में कामकाज को सुचारू रूप से संचालित करने की कोशिश कर रही थीं।
लेकिन विपक्ष नोटबंदी के मसले पर हंगामा कर रहा था। लोकसभा अध्यक्ष काफी देर तक सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलाने की अपील कर रही थीं।उधर हंगामे के बाद बाद राज्यसभा को भी स्थगित कर दिया गया। लेकिन आज राज्यसभा की मर्यादा भी टूटी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब सदन से बाहर चले गए तो सांसद वेल तक चले गए। वहां जाकर प्रधानमंत्री भाग गए जैसे नारे लगाने लगे अध्यक्ष सबको शांत कराने की कोशिश की लेकिन वो माने नहीं तो सदन को स्थगित कर दिया गया।