नोटबंदी के फैसले के खिलाफ गोविन्दाचार्य ने प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखा

Samachar Jagat | Friday, 25 Nov 2016 01:10:38 AM
Notbandi wrote to the Chief Justice against the judgment Govindacharya

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व विचारक के. एन. गोविन्दाचार्य ने भारत के प्रधान न्यायाधीश टी. एस. ठाकुर को पत्र लिखकर कथित रूप से नोटबंदी के कारण मरने वालों को मुआवजा देने की मांग की है।
उन्होंने कहा है कि उनके पत्र को जनहित याचिका के रूप में देखा जाए क्योंंकि 500 और 1,000 रूपए के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के सरकारी फैसले से ‘‘आर्थिक आपातकाल’’ जैसी स्थिति पैदा हो गयी है और ‘‘बड़ी संख्या में गरीब तथा वंचित तबका अपनी वित्तीय सुरक्षा से वंचित हो गया है।’’
कथित रूप से नोटबंदी के कारण मरने वालों के लिए मुआवजे की मांंग करते हुए गोविन्दाचार्य ने पत्र में लिखा है, ‘‘नोटबंदी को सही तरीके से लागू नहीं करने की वजह से 70 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जबकि अन्य लोग केन्द्र के इस भयावह फैसले के कारण आर्थिक दिक्कतोंं से जूझ रहे हैं। बड़ी संख्या मेंं गरीब और वंचित तबके के लोग हैं जिनसे उनकी वित्तिय सुरक्षा छीन गयी है, लेकिन उनके पास उच्चतम न्यायालय में औपचारिक याचिका दायर करने को धन नहीं है....’’
उन्होंने लिखा है, ‘‘वर्तमान स्थिति और कुछ नहीं बल्कि संविधान के अनुच्छेद 360 के तहत आने वाले वित्तीय आपातकाल को अघोषित रूप से लागू किया जाना है, वहींं केन्द्र सरकार अपनी गारंटी का सम्मान रखने मेंं असफल रही है।’’
गोविन्दाचार्य ने यह भी कहा कि उन्होंने 17 नवंबर को आर्थिक मामलों के विभाग को पत्र लिखकर नोटबंदी की घोषणा पर कानूनी भ्रम के बारे में बताया था, लेकिन अभी तक मुझे उनके जवाब का इंतजार है।



 

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