सिनेमा में अश्लीलता पहुंचा रही है भारतीय समाज को नुकसान : वेंकैया

Samachar Jagat | Sunday, 20 Nov 2016 10:08:03 PM
Obscenity in cinema hurting Indian society says Venkaiah

पणजी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने भारतीय फिल्मों में ‘मूल्यों’ को वापस लाने की जरूरत की पैरवी करते हुए रविवार को कहा कि स्क्रीन पर अश्लीलता और हिंसा दिखाए जाने से समाज को नुकसान पहुंच रहा है।

नायडू ने अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के उद्घाटन समारोह में कहा कि रचनात्मकता, वास्तविकता, मानवीय स्पर्श और रुख, वास्तविकता, लैंगिक न्याय को लेकर संवेदनशीलता, बुजुर्गों के प्रति सम्मान और अपनी परंपराओं को बरकरार रखने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि सिनेमा में समाज की हकीकत झलकनी चाहिए। फिल्म निर्माताओं से यही मेरी अपील है।

मंत्री ने कहा कि मैं आपको यहां सलाह देने के लिए नहीं आया हूं। अगर आप सरकार की सलाह के हिसाब से आगे बढ़ते हैं और सिनेमा बनाते हैं तो आप कभी सफल नहीं होंगे। सिनेमा को सिनेमा रहना होगा, लेकिन सिनेमा में संदेश भी होना चाहिए। यही बात मैं कहने का प्रयास कर रहा हूं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि हाल के दिनों में सिनेमा में क्या हो रहा है, वो अश्लीलता, असभ्यता, हिंसा, दोअर्थी संवाद होते हैं, ये समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमें इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए। हम सभी के लिए समय आ गया है, हम मूल्यों की ओर क्यों नहीं लौटते हैं। ऐसी बहुत सारी फिल्में बनती हैं जिनमें हिंसा, असभ्यता नहीं होती है। परंतु ये फिल्में कई दिनों तक और वर्षों तक चलती हैं।

नायडू ने कहा कि उनके बचपन में बनी फिल्म ‘लव-कुश’ आई थी जो 365 से अधिक दिनों तक चली थी। फिल्मकार अपने हुनर से लोगों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।



 

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